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नाबार्ड अब किसानों को देगा पहले से ज्यादा ऋण

 

नाबार्ड कृषि ऋण

 

किसानों की आय एवं कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ग्रामीण एवं कृषि विकास बैंक-नाबार्ड द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं|

जिससे किसान एवं उद्यमियों को कृषि में निवेश करने के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध कराई जा सके|

इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिक से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड KCC एवं राज्य सरकारों के द्वारा कम दरों पर ऋण दिया जाता है|

 

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत नाबार्ड के मध्यप्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा राज्य ऋण संगोष्ठी 2022-23 का आयोजन किया गया|

इसमें प्रदेश में आने वाले वर्ष में कृषि क्षेत्र में निवेश पर एवं किसानों को दिए जाने वाले ऋण के विषय में जानकारी दी गई|

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक श्रीमती टीएस राजीगेन ने मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा से मुलाकात में बताया कि राज्य में फसली ऋण तथा कृषि सावधि ऋण को बढ़ाया जा रहा है|

जिससे इस वर्ष अधिक किसानों को शून्य प्रतिशत के ब्याज पर फसली ऋण मिलने कि उम्मीद है|

किसानों को कितना दिया जायेगा अधिक फसली ऋण

किसानों को कृषि के क्षेत्र में निवेश के लिए फसली ऋण तथा कृषि सावधि ऋण दिया जाता है|

वर्ष 2022–23 के वित्त वर्ष के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण एवं कृषि विकास बैंक मध्य प्रदेश राज्य के किसानों को फसली ऋण के तौर पर 1 लाख 18 हजार 288 करोड़ रूपये का ऋण देगी|

इसके अलावा कृषि सावधि ऋण के रूप में 62 हजार 693 करोड़ रूपये कि ऋण दिया जायेगा|

इस तरह वित्त वर्ष 2022–23 कुल 2 लाख 42 हजार 967 करोड़ रूपये कि ऋण दिया जाएगा, जिसमें से कुल ऋण का 74 प्रतिशत कृषि क्षेत्र को दिया जाएगा|

 

सभी किसानों को दिया जायेगा किसान क्रेडिट कार्ड

मंत्री श्री देवड़ा ने वर्ष 2023 तक आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए प्रदेश के 100 प्रतिशत किसानों तक केसीसी कवरेज बढ़ाने, ग्रामीण बुनियादी ढाँचे में निवेश और कृषि उत्पादक समूहों के वित्त पोषण पर प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया।

 

सूक्ष्म सिंचाई के लिए 5 हजार करोड़ रूपये की बढ़ोतरी

मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि भारत सरकार ने अपने बजट में ग्रामीण अधोसंरचना के विकास के लिए आईआईडीएफ एवं माइक्रो इरीगेशन फंड में 10 हजार करोड़ तथा 5 हजार करोड़ की बढ़ोतरी की है|

इससे मध्य प्रदेश में सिंचाई क्षेत्र को और अधिक संबल मिल रहा है|

 

कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर दिया जायेगा जोर

नाबार्ड की मुख्य महाप्रबंधक श्रीमती टीएस राजीगेन ने कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन के महत्व की चर्चा करते हुए बताया कि 13 जिलों में इसके लिये विशेष प्रयास किये जायेंगे।

उन्होंने नाबार्ड द्वारा चलाई जा रही ग्रामीण भंडारण, 10 हजार किसान उत्पाद संगठनों, वाडी, वाटरशेड, वित्तीय समायोजन, सहकारी बेंकों को मदद स्व-सहायता समूहों के सदस्यों का कौशल उन्नयन के लिये 4,000 करोड़ रूपये की सहायता के संबंध में जानकारी दी।

 

संगोष्ठी में प्रदेश के स्व-सहायता समूह, वित्तीय साक्षरता, किसान उत्पादक समूहों के संवर्धन आदि में उत्कृष्ट कार्य के लिए उल्लेखित गतिविधियों में विभिन्न बैंकों को पुरस्कृत किया गया।

इस अवसर पर प्याज भंडारण पर बैंकेबल मॉडल योजना की पुस्तिका और स्टेट फोकस पेपर का विमोचन भी किया गया।

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