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फसलों के सर्वे के साथ अब पंचनामा भी ज़रूरी

प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फसलों का सर्वे करने के साथ पंचनामा बनाना भी जरूरी होगा।

 

कृषि मंत्री कमल पटेल ने आज बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के गांवों में खराब हुई सोयाबीन की फसल का औचक निरीक्षण कर अधिकारियों को निर्देश दिए।कृषि मंत्री कमल पटेल आज सुबह भोपाल से बैरसिया पहुंचे। स्थानीय विधायक विष्णु खत्री के साथ उन्होंने आसपास के गांवों का दौरा किया। इस मौके पर ग्रामीण जिला भाजपा अध्यक्ष केदारसिंह मंडलोई, भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष अशोक मीणा उनके साथ थे।

 

कृषि मंत्री कमल पटेल ने परवलिया सड़क से निरीक्षण की शुरुआत की, वह तारा सेवनिया, बगोनिया गांव भी पहुंचे और खेतों में जाकर सोयाबीन की स्थिति की जानकारी ली। इन गांवों में सौ फीसदी तक फसल बर्बाद हुई है, सोयाबीन की फलियों में दाने नहीं है जिससे किसान परेशान और चिंतित हैं।

 

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल किसानों को भरोसा दिलाया कि वे स्वंय और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसान पुत्र और किसान हैं, किसानों की समस्याओं से वह परिचित हैं, किसानों को कोई नुकसान नहीं हो इसके लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। कमल पटेल ने किसानों को बताया कि फसल बीमा योजना की अंतिम तारीख अब 31 अगस्त कर दी गई है, जिन किसानों ने अभी तक बीमा योजना नहीं ली है वह समय रहते बीमा करा लें, किसानों को बीमा लाभ के साथ ही आरबीसी 6 में भी क्षतिपूर्ति दी जाएगी।

 

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सर्वे का पंचनामा बनाना आवश्यक

कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों से चर्चा में बताया कि कृषि और राजस्व विभाग द्वारा फसलों का सर्वे किया जाता है, अगर किसी पटवारी हल्के में आनावरी ठीक आई हो तो वहाँ बीमा लाभ मिलना मुश्किल हो जाता है। कमल पटेल ने बताया कि अब तय किया गया है कि मनमर्जी से सर्वे के बजाय अब गांवों में मुनादी पिटवाकर कैंप लगाए जाएं और किसान का नाम उसका रकबा और फसल का विवरण भरकर व्यापक सर्वे कराया जाए तथा गांव के सरपंच और ग्रामीणों के हस्ताक्षर के साथ पंचनामा भी बनाया जाए और रिपोर्ट तीन प्रतियों में तैयार कर एक पंचायत भवन पर चस्पा हो ताकि ग्रामीण भी यह देख सकें कि उनका नाम सूची में आने से छूटा तो नहीं है।

 

कमल पटेल ने कहा कि इस तरह के सर्वे में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं होगी और किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा।

 

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