अब महिलाएँ करेंगी ड्रोन से खाद एवं दवाओं का छिड़काव

कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने एवं उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा महिला कृषकों के लिए कई योजनाएँ चला रही है।

इस कड़ी में बुधवार 29 नवम्बर के दिन केंद्रीय मंत्री मंडल ने देश में महिलाओं को अनुदान पर ड्रोन देने की योजना को मंजूरी दे दी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजीको ड्रोन प्रदान करने के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजना को मंजूरी दी है।

 

सरकार अनुदान पर देगी 15 हजार ड्रोन

केंद्र सरकार इस योजना पर अगले दो वर्षों यानि की वर्ष 2024-25 से 2025-26 की अवधि के दौरान 1261 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

योजना का उद्देश्य किसानों को कीटनाशक एवं खाद आदि का फसलों पर छिड़काव करने के लिए किराए पर कम दामों पर ड्रोन उपलब्ध कराना है।

यह योजना महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजीको सशक्त बनाने और ड्रोन सेवाओं के माध्यम से कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ाने में मदद करेगी।

 

क्या है महिलाओं को अनुदान पर ड्रोन देने के लिए योजना

योजना के तहत ऐसे महिला समूहों की पहचान की जाएगी जहां आर्थिक रूप से ड्रोन का उपयोग संभव है।

ऐसे विभिन्न राज्यों में प्रगतिशील महिला एसएचजी को 15,000 ड्रोन प्रदान किए जाएंगे।

ड्रोन खरीदने के लिए महिला एसएचजी को ड्रोन और सहायक उपकरण/सहायक शुल्क का 80 प्रतिशत अधिकतम आठ लाख रुपये तक की राशि केंद्रीय वित्तीय सहायता के रूप में दी जाएगी।

इतना ही नहीं शेष राशि सब्सिडी घटाकर खरीद की कुल लागत पर महिलाओं को ऋण की सुविधा भी सरकार देगी।

जिस पर सरकार ने योजना के तहत 3 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान उपलब्ध कराएगी।

जिससे महिला समूहों को ड्रोन लेने के लिए किसी तरह की आर्थिक बाधा न आए।

 

महिलाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण

योजना के तहत महिलाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

इसमें महिला सदस्यों में से एक योग्य महिला जिसकी उम्र 18 वर्ष और उससे अधिक होको 15 दिनों का प्रशिक्षण दिया जायेगा।

जिसमें 5 दिनों का प्रशिक्षण ड्रोन पायलट के लिए दिया जाएगा जो अनिवार्य रूप से महिला को लेना होगा।

साथ ही कृषि उद्देश्य के लिए पोषक तत्वों और कीटनाशकों के प्रयोग का 10 दिवसीय अतिरिक्त प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

महिला समूहों के अन्य सदस्य/परिवार के सदस्यजो बिजली के सामानफिटिंग और यांत्रिक कार्यों की मरम्मत करने के इच्छुक होंउनका चयन राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएमऔर एलएफसी द्वारा किया जाएगा।

जिन्हें ड्रोन तकनीशियन/सहायक के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। ये प्रशिक्षण ड्रोन की आपूर्ति के साथ एक पैकेज के रूप में प्रदान किया जाएगा।

 

नैनो तरल यूरिया और DAP के उपयोग को मिलेगा बढ़ावा

इस योजना से ड्रोन द्वारा नैनो उर्वरकों जैसे नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।

एसएचजी नैनो उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किसानों को ड्रोन किराए पर देंगे।

जिससे योजना की मदद से फसलों की लागत तो कम होगी साथ ही पैदावार बढ़ने से किसानों को भी लाभ होगा।

योजना के तहत अनुमोदित पहल के जरिए 15,000 एसएचजी को टिकाऊ व्यवसाय और आजीविका सहायता प्रदान किए जाने और उनके द्वारा प्रतिवर्ष कम से कम एक लाख रुपये की अतिरिक्त आय अर्जित करने में सक्षम होने की परिकल्पना की गई है।

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