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बीटी कपास में हुआ गुलाबी सुंडी का प्रकोप, नियंत्रण के लिए कृषि विभाग ने जारी किए निर्देश

देश के कई क्षेत्रों में कपास की खेती प्रमुखता से की जाती हैसमयसमय पर कपास की फसल में कई तरह के कीट रोगों का प्रकोप होता है।

जिससे किसानों को काफी आर्थिक क्षति होती है।

अभी राजस्थान के श्री गंगानगर ज़िले में बीटी कपास में गुलाबी सूंडी कीट का प्रकोप देखने को मिल रहा है।

जिसको देखते हुए सहायक निर्देशक कृषि विस्तार श्री स्वर्ण सिंह अराई द्वारा ब्लॉक के सभी कृषि पर्यवेक्षकों को प्रभावी प्रबंधन एवं कृषकों को आर्थिक क्षति से बचाने के लिए विशेष निर्देश दिए है।

 

कपास में गुलाबी सुंडी का नियंत्रण

निर्देश में कहा गया है कि अपनेअपने मुख्यालय पर नियमित उपस्थित रहते हुए लगातार फील्ड भ्रमण कर बीटी कपास फसल का गहन निरीक्षण करें।

कृषकों से सम्पर्क एवं गोष्ठियां पर गुलाबी सुंडी कीट प्रबंधन के बारे में तकनीकी जानकारी दे।

 

गुलाबी सूंडी फैलने से पहले ही करें नियंत्रण

सहायक निदेशक श्री अराई ने सभी कृषि पर्यवेक्षकों को प्रतिदिन सायं साढे 4 बजे तक भ्रमण सहित सभी जानकारी कार्यालय में भिजवाने के लिए भी निर्देशित किया गया है ताकि उप जिला स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष को प्रतिदिन शाम 5 बजे तक प्रेषित की जा सके।

उन्होंने बताया कि हालांकि सादुलशहर क्षेत्र में बहुत कम एवं प्रारंभिक स्तर पर गुलाबी सूंडी पाई गई है।

ऐतिहात के तौर पर प्रकोप फैलने से पूर्व ही नियंत्रण करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए है।

 

इसी के अन्तर्गत सहायक निदेशक श्री अराई ने भी कुछ क्षेत्रो में संबंधित क्षेत्रों में किसान को साथ लेकर बीटी कपास की फसल का निरीक्षण किया।

मन्नीवाली ग्राम पंचायत की पूर्व सरपंच अंजू यादवरामसिंह यादवप्रगतिशील किसान जितेन्द्र सिंह कडवासराकृष्ण सहारणजसवंत मेघवाल ने बताया कि नरमा कपास की फसलों में गुलाबी सुंडी का प्रकोप देखने को मिल रहा है।

इस पर शीघ्र नियत्रंण करना जरूरी है ताकि इसका फैलाव न हो।

 

किसान इस तरह करें गुलाबी सुंडी की पहचान

यह एक प्रौढ़ गहरे स्लेटी चमकीले रंग का 8 से 9 मि.मीआकार वाला फुर्तीला कीट है।

अंडे हल्के गुलाबी व बैंगनी रंग की झलक लिए होते हैंजो कि प्रायः नई विकसित पत्तियों व कलियों पर पाए जाते हैं।

प्रारम्भिक अवस्था में लटों का रंग सफ़ेद होता हैजो कि बाद में गुलाबी हो जाते हैं। पूर्ण विकसित लटों की लम्बाई 10 से 12 मि.मीहोती है।

 

किसान इस तरह करें गुलाबी सुंडी कीट का नियंत्रण

15 अप्रैल से 15 मई के मध्य बुआई की गई फसल में सुंडी का प्रकोप प्रायः कम देखा गया है।

किसान नर पतंगों को नष्ट करने हेतु लिंग आकर्षण जाल (फेरोमोन ट्रैप) 5 प्रति हेक्टेयर लगाएँ।

ऐसे सभी फूल जिनकी पंखुडियाँ ऊपर से चिपकी हो उन्हें हाथ से तोड़कर उनके अंदर मौजूद गुलाबी सूँड़ियों को नष्ट किया जा सकता है।

यह प्रक्रिया सप्ताह में कम से कम एक बार अवश्य करें।

किसान कपास में गुलाबी सुंडी कीट के नियंत्रण के लिए फसल की बुआई के 60 दिनों बाद नीम के बीजों का अर्क 5% + नीम का तेल ( 5 मिली॰/लीको मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं।

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