देश में कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को बढ़ावा देने और उन्हें सस्ता कर्ज मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक लाख करोड़ रुपये के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को लॉन्च किया।
पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस योजना की शुरुआत की।
सरकार ने जुलाई में कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए रियायती लोन का विस्तार करने के लिए एक लाख करोड़ के फंड के साथ कृषि-इंफ्रा फंड की स्थापना को मंजूरी दी थी।
क्या है कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड?
कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की अवधि 10 सालों तक यानी 2029 तक है।
इससे ग्रामीण क्षेत्र में कृषि क्षेत्र से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में मदद मिलेगी। इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र में निजी निवेश और नौकरियों को बढ़ावा देना है।
इसके तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा प्राथमिक कृषि ऋण समितियों, किसान समूहों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), कृषि-उद्यमियों, स्टार्टअप्स और एग्री-टेक खिलाड़ियों को ऋण के रूप में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज में हुआ था ऐलान
केंद्र सरकार ने जुलाई में कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए रियायती लोन उपलब्ध करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के फंड के साथ Agriculture Infrastructure Fund की स्थापना को मंजूरी दी थी, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये किया।
किसानों की उपज के बेहतर रखरखाव के लिए सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की स्थापना का ऐलान किया था। इसका ऐलान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ के आत्मनिर्भर पैकेज के दौरान किया था।
किसानों को होगा फायदा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि एक लाख करोड़ रुपए का यह फंड फाइनेंसिंग सुविधा उत्पादित फसल से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और फसलों के भंडारण से जुडे इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए दी जाएगी।
इन केंद्रों में मुख्य एग्री कोऑपरेटिव सोसायटी, फार्मर प्रोड्यूसर ऑगेनाइजेशन, कंपनियां और स्टार्टअप शामिल हैं।
इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर में कोल्ड चेन, आधुनिक स्टोरेज फैसिलिटी, फसल को खेतों से सेंटर तक ले जाने के लिए बेहतर ट्रांसपोर्टेशन फैसिलिटी उपलब्ध कराना शामिल हैं. केंद्र सरकार का कहना है कि इससे किसानों को अपने उत्पाद का बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
इस वित्तपोषण सुविधा के जरिये क्रेडिट गारंटी कवरेज भी मिलेगा
कर्ज का वितरण 4 साल में किया जाएगा. चालू वित्तीय वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये और अगले तीन वित्तीय वर्ष में 30,000-30,000 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की गई है।
इस वित्तपोषण सुविधा के तहत सभी प्रकार के कर्ज में हर साल 2 करोड़ रुपये तक कर्ज के ब्याज में 3 फीसदी की छूट दी जाएगी। यह छूट अधिकतम 7 वर्ष के लिए होगी।
इसके अलावा 2 करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE) योजना के तहत इस वित्तपोषण सुविधा के जरिये क्रेडिट गारंटी कवरेज भी उपलब्ध होगा।
इस कवरेज के लिए सरकार की ओर से शुल्क का भुगतान किया जाएगा।
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में मिलेगी मॉरेटोरियम की सुविधा
इस वित्तपोषण सुविधा के तहत लिए कर्ज के पुनर्भुगतान (Repayment) के लिए मॉरेटोरियम की सुविधा भी दी जाएगी, जो कम से कम 6 महीने और अधिकतम 2 साल के लिए हो सकती है।
कृषि और कृषि प्रसंस्करण आधारित गतिविधियों के लिए औपचारिक कर्ज सुविधा के जरिये इस परियोजना से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है।
कृषि अवसंरचना कोष का प्रबंधन और निगरानी ऑनलाइन प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) प्लेटफॉर्म के जरिये किया जाएगा।
मॉनिटरिंग और फीडबैक के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिलास्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा।योजना की समयसीमा वित्त वर्ष 2020 से 2029 के लिए होगी।
कृषि अवसंरचना निधि
इस योजना की अवधि वित्त वर्ष 2020 से 2029 (10 वर्ष) होगी।
इस योजना के तहत 3 प्रतिशत प्रति वर्ष की ऋण माफी तथा दो करोड़ रूपये तक ऋण के लिए सीजीटीएमएसई स्कीम के तहत ऋण गारंटी कवरेज़ के साथ ऋण के रूप में बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा 1 लाख करोड़ रूपये उपलब्ध कराये जायेंगे।
लाभार्थियों में किसान, पैक्स, विपणन सहकारी सोसायटियां, एफपीओ, एसएचजी, संयुक्त जवाबदेही समूह (जेएलजी), बहुउद्देशीय सहकारी समितियां, कृषि उद्यमी, स्टार्ट-अप्स और केन्द्रीय/राज्य एजेंसियां या सार्वजनिक-निजी साझेदारी परियोजना प्रायोजित स्थानीय निकाय शामिल हैं।
पैदा होंगे रोजगार के अवसर
इस संदर्भ में मंत्रालय ने कहा कि कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड ऑनलाइन प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रबंधित और मॉनिटर किया जाएगा।
यह ऋण के लिए आवेदन करने के लिए सभी योग्य संस्थाओं को सक्षम करेगा।
कृषि और कृषि प्रसंस्करण आधारित गतिविधियों के लिए औपचारिक ऋण की सुविधा से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के कई अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
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