कम लागत में मिलेगा अधिक उत्पादन
जून में सोयाबीन की बुवाई से पहले बीज की सही तैयारी बेहद जरूरी है. जानिए कैसे करें बीज का चयन, अंकुरण जांच और सरकारी बीज परीक्षण का लाभ.
अपने बीज से बुवाई के फायदे और बाजार से बीज खरीदते समय बरतें ये जरूरी सावधानियां.
जून का महीना शुरू होते ही खरीफ सीजन की तैयारियों में देशभर के किसान जुट चुके हैं.
खासकर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों में सोयाबीन की खेती बड़े पैमाने पर होती है.
इस बार अच्छी पैदावार पाने के लिए अगर आप भी सोयाबीन की बुवाई करने जा रहे हैं, तो बीज की तैयारी को नजरअंदाज न करें.
कृषि विभाग और कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो बीज की गुणवत्ता और अंकुरण क्षमता की जांच करने से किसानों को लागत कम और उत्पादन ज्यादा मिलता है.
अगर किसान पहले से सही बीज चुन लें और कुछ आसान जांच कर लें, तो वे बाजार से बीज खरीदने की परेशानी से भी बच सकते हैं.
कैसा हो बुवाई के लिए बीज?
सोयाबीन की सबसे खास बात यह है कि इसका बीज हर साल बदलने की जरूरत नहीं होती. एक बार अगर किसान ने अच्छा बीज जुटा लिया है, तो वह 2 से 3 साल तक उपयोग में लाया जा सकता है.
अगर आप अपना ही बीज दोबारा इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह काफी फायदेमंद रहेगा. वहीं अगर आप किसी अन्य किसान से बीज लेते हैं, तो उसकी अच्छी तरह से सफाई और स्पाइरल सीड ग्रेडर से ग्रेडिंग जरूर कर लें.
इससे खराब दानों की छंटाई हो जाती है और बीज का मानक आकार और गुणवत्ता सुनिश्चित होती है.
बीज का अंकुरण कैसे जांचें?
बीज की अंकुरण क्षमता यानी Germination जानना बेहद जरूरी है. अगर बीज कमजोर या मरा हुआ है, तो खेत में वो नहीं उगेगा और उत्पादन भी कम होगा.
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, घर पर आप खुद ही इसकी जांच कर सकते हैं. तरीका बहुत आसान है:
- 100 बीज लें और उन्हें गीले टाट के बोरे में रखें.
- बोरे को रोज़ाना पानी से गीला करते रहें.
- 2 से 3 दिनों में अंकुरित बीज दिखाई देने लगेंगे.
- यदि 70 या उससे अधिक बीज अंकुरित हो जाएं, तो 80 किलो बीज प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई करें.
- यदि 60% अंकुरण हो, तो बीज की मात्रा थोड़ी बढ़ा दें.
- लेकिन अगर अंकुरण 50% से कम है, तो उस बीज को बिल्कुल न बोएं. नया और बेहतर बीज इस्तेमाल करें.
बीज परीक्षण कहां कराएं?
अगर आप घर पर बीज की जांच नहीं कर सकते, तो चिंता की बात नहीं. कृषि विभाग किसानों को यह सुविधा मुफ्त में दे रहा है.
आप चाहें तो अपना बीज सरकारी प्रयोगशालाओं में भेज सकते हैं. उदाहरण के तौर पर:
- बीज परीक्षण प्रयोगशाला, कारखाना बांरा, कोटा (राजस्थान) में किसानों के लिए मुफ्त में जांच की सुविधा उपलब्ध है.
- इसके लिए आप 1 किलो बीज एक साफ थैली में भरकर भेज सकते हैं.
- उस पर अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर जरूर लिखें.
- आप चाहें तो अपने क्षेत्र के सहायक कृषि अधिकारी की मदद से भी इसे भेज सकते हैं.
अपने बीज से बुवाई करने के फायदे
बहुत से किसान हर साल बाजार से नया बीज खरीदते हैं, जिससे लागत बढ़ जाती है.
लेकिन अगर आप खुद का बीज तैयार करते हैं और उसकी सही जांच कर लेते हैं, तो इसके कई फायदे मिलते हैं:
- बाजार से बीज खरीदने की जरूरत नहीं होगी.
- लागत कम होगी और फसल की गुणवत्ता भी बरकरार रहेगी.
- अपने बीज पर आपको खुद भरोसा रहेगा क्योंकि उसकी उत्पत्ति और भंडारण की जानकारी आपके पास होती है.
- बीज में रोग या कीट का खतरा भी कम रहेगा अगर सही तरीके से तैयार किया गया हो.
बाजार से बीज खरीदते समय रखें सावधानी
अगर आप फिर भी बाजार से बीज खरीदने का फैसला करते हैं, तो कुछ जरूरी बातों का खास ध्यान रखें:
- बीज हमेशा किसी सरकारी प्रमाणित विक्रेता या विश्वसनीय स्रोत से ही खरीदें.
- बीज खरीदते समय पक्का बिल जरूर लें, जिसमें तारीख, बैच नंबर, उत्पादन और समाप्ति तिथि का उल्लेख हो.
- बीज की थैली की अच्छी तरह जांच करें—कहीं थैली पर पुरानी सिलाई या फटी सील तो नहीं है. ये नकली बीज की पहचान हो सकते हैं.
- अगर कोई विक्रेता बिल नहीं देता है या संदिग्ध बीज बेचता है, तो तुरंत नजदीकी कृषि विभाग में शिकायत करें.
Ladli Behna Yojana: खाते में नहीं आई 24वीं किस्त? तो तुरंत करें ये जरूरी काम