पचमढ़ी जितना ठंडा इंदौर, भोपाल में पारा@7° से नीचे
मध्यप्रदेश में इस बार सर्दी रिकॉर्ड तोड़ रही है। इंदौर की रातें पिछले 10 साल से सबसे ठंडी है। बीती रात इंदौर प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी जितना ठंडा रहा। वहीं, भोपाल में पारा 7 डिग्री से नीचे चल रहा है।
भोपाल में लगातार छह दिन तक कोल्ड वेव (शीतलहर) चलने के बाद गुरुवार को थोड़ी राहत मिली, लेकिन शुक्रवार को दिन फिर सर्द रहा।
भोपाल, राजगढ़, इंदौर, सीहोर और शाजापुर में सर्द हवाएं चली। इस वजह से लोग गर्म कपड़ों में लिपटे हुए नजर आए।
दिन में धूप तो खिली, लेकिन शाम को ठंड का असर बढ़ा रहा। हालांकि, अगले 3 दिन तक शीतलहर का अलर्ट नहीं है, लेकिन ठंड का असर बरकरार रहेगा।
दूसरी ओर, गुरुवार-शुक्रवार की रात कई शहरों में पारा 5 डिग्री के आसपास रहा। इंदौर शहर में 5.2 डिग्री रहा। इतना ही तापमान पचमढ़ी में भी दर्ज किया गया। रात में भोपाल और ग्वालियर में पारे में गिरावट हुई।
भोपाल में 6.5 डिग्री, ग्वालियर में 9.1 डिग्री, उज्जैन में 9 डिग्री और जबलपुर में पारा 8.4 डिग्री रहा।
बर्फीली हवाओं की वजह से ठंड
मौसम विभाग के अनुसार, पहाड़ी राज्य- उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी हुई है। उत्तराखंड में तो नदी-नाले और झरने तक जम गए हैं।
कई शहरों में पारा माइनस है। दूसरी ओर, जेट स्ट्रीम भी चल रही है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में जेट स्ट्रीम का असर है।
यह जमीन से 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर 204 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बह रही है। जिसका असर एमपी में भी है। इस कारण शुक्रवार को भी शीतलहर का असर देखा गया।
अब जानिए दिसंबर में कैसी रहेगी ठंड?
मौसम का ट्रेंड देखें तो दिसंबर में स्ट्रॉन्ग वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आते हैं। वहीं, उत्तरी हवाएं आने से दिन-रात के तापमान में गिरावट होती है। इस बार भी यही अनुमान है।
इन जिलों में सबसे ज्यादा सर्दी रहेगी
- ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग के सभी जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। यहां बर्फीली हवाएं सीधे आएंगी।
- भोपाल संभाग के सीहोर-विदिशा में ठंड का जोर रहेगा।
- सागर संभाग के निवाड़ी, छतरपुर, टीकमगढ़-पन्ना, रीवा संभाग के मऊगंज, सीधी-सिंगरौली में तेज ठंड पड़ेगी।
- जबलपुर संभाग के मंडला-डिंडौरी, इंदौर संभाग के इंदौर, धार और झाबुआ में कड़ाके की ठंड रहेगी।
20-22 दिन चल सकती है कोल्ड वेव
मौसम एक्सपर्ट की मानें तो दिसंबर में प्रदेश के कई शहरों में कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं चलेंगी। जनवरी में यह 20 से 22 दिन तक चल सकती है।
ठंड के लिए दिसंबर-जनवरी खास
मौसम विभाग के अनुसार, जिस तरह मानसून के चार महीने (जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर) में से दो महीने जुलाई-अगस्त महत्वपूर्ण रहते हैं और इन्हीं में 60 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश हो जाती है, ठीक उसी तरह दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है।
इन्हीं दो महीने में प्रदेश में उत्तर भारत से सर्द हवाएं ज्यादा आती हैं। इसलिए टेम्परेचर में अच्छी-खासी गिरावट आती है। सर्द हवाएं भी चलती हैं।
पिछले 10 साल के आंकड़े यही ट्रेंड बताते हैं। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने से दिसंबर में मावठा भी गिरता है। इससे दिन में भी सर्दी का असर बढ़ जाता है।
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