मूंग एवं उड़द में इल्ली एवं कीटों के नियंत्रण के लिए एक बार करें इस दवा का छिड़काव

इस समय देश के कई क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द की खेती की जा रही है। इस समय मूंग एवं उड़द की फसलों में कई कीट एवं रोग लगते हैं जिनके नियंत्रण के लिए किसानों के द्वारा अत्यंत जहरीले कीटनाशक दवाओं को छिड़काव किया जाता है जो मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।

जिसको देखते हुए जबलपुर कृषि महाविद्यालय के द्वारा किसानों के लिए कीटनाशकों के उचित प्रयोग के लिये सलाह जारी की गई है।

 

दवा का छिड़काव

कृषि महाविद्यालय के कीटशास्त्र विभाग प्रमुख डॉ. एस.बी.दास एवं कोराजन निर्माता कंपनी द्वारा मूंग एवं उड़द में एक बार ही दवा का स्प्रे करने की सलाह दी है।

किसान इसका छिड़काव मूंग एवं उड़द में फूल आने से फलिया बनने की अवस्था तक सिर्फ एक बार 0.15 मिलीलीटर कोराजन प्रतिलीटर पानी में मिलाकर करें।

 

अन्य कीट रोगों के नियंत्रण के लिए क्या करें?

कृषि महाविद्यालय द्वारा जारी सलाह में पत्ती खाने वाले कीटों के नियंत्रण के लिए क्विनालफास की 1.5 मिली लीटर अथवा मोनोक्रोटोफॉस की 750 मिली. दवा का छिड़काव करने को कहा गया है।

वहीं हरा फुदका, माहू तथा सफेद मक्खी जैसे रस चूसक कीटों के नियंत्रण के लिए डायमिथोएट 1000 मिली. प्रति 600 लीटर पानी या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. प्रति 600 लीटर पानी में 125 मिली. दवा के हिसाब से प्रति हेक्टेयर छिड़काव करने की सलाह दी गई है।

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