गेहूं के मुफ्त बीज के लिए सरकार ने जारी की 74 करोड़ रुपए की राशि

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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (IIMR) लुधियाना, पंजाब का दौरा किया।

इस दौरान उन्होंने संस्थान के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया और मक्का हितधारकों, किसानों, ग्रामीण विकास योजनाओं के लाभार्थियों और महिला स्वयं सहायता समूहों की दीदियों से बातचीत भी की।

इसके बाद, केंद्रीय मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जिसमें पंजाब क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार की प्रमुख कृषि और ग्रामीण विकास पहलों और योजनाओं की जानकारी साझा की गई।

 

मक्का है तीसरी प्रमुख फसल

इस अवसर केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन लागत कम करना और किसान की आय बढ़ाना हमारा मुख्य लक्ष्य है।

गेहूं और चावल की खेती के मामले में हम पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं, लेकिन कृषि में विविधता लाना बेहद जरूरी है।

गेहूं और धान के बाद तीसरी सबसे बड़ी फसल मक्का है, जिसका उपयोग भोजन के अलावा कई अन्य कार्यों में भी किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि धान का मुकाबला केवल मक्का ही कर सकता है, जिससे पानी की भी बचत होगी और किसानों को अधिक लाभ मिलेगा।

इस दृष्टि से मक्का अनुसंधान संस्थान बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ किए जा रहे अनुसंधान मक्का के उत्पादन को बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो रहे हैं।

 

गेहूं के मुफ्त बीज के लिए जारी की गई 74 करोड़ रुपये की राशि

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब में फसल के नुकसान की भरपाई के लिए गेहूं के बीज की मुफ्त आपूर्ति के लिए 74 करोड़ रुपये जारी किए हैं और सरसों सहित अन्य बीजों के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 11.09 लाख किसानों के खातों में 222 करोड़ रुपये अग्रिम रूप से हस्तांतरित किए जा चुके हैं।

बागवानी क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी एमआईडीएच योजना के माध्यम से सहायता भेजी जाएगी।

 

पंजाब के लिए दिया 1600 करोड़ रुपए का पैकेज

कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब की मदद के लिए हमेशा तैयार है।

उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री पंजाब में बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने पंजाब को 1600 करोड़ रुपये का पैकेज दिया है ताकि बाढ़ प्रभावित परिवारों का जीवन पटरी पर लौट सके।

केंद्रीय मंत्री ने पंजाब में बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए 36,703 घरों के पुनर्निर्माण के लिए प्रति परिवार 1 लाख 60 हजार रुपये स्वीकृत किए हैं।

इसमें से 1 लाख 20 हजार रुपये मकान निर्माण के लिए और 40 हजार रुपये मजदूरी और शौचालय निर्माण के लिए हैं।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम अपने देश में बनी वस्तुएं ही खरीदें। इससे स्थानीय कारीगरों को लाभ होगा, देश का पैसा देश में ही रहेगा और देश आर्थिक रूप से और समृद्ध होगा।

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