किसानों को बिजली बिल से मिलेगी मुक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को 5 रुपए में बिजली कनेक्शन दिए जा रहे हैं। अगले 3 सालों में 32 लाख किसानों को सोलर पम्प देकर बिजली के बिल से मुक्ति दिलाएगी।
देश में किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही फसल उत्पादन की लागत कम करने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी पर सोलर पम्प उपलब्ध कराए जा रहे है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 4 जून के दिन मनगवां विधानसभा क्षेत्र में हुए सम्मेलन में कहा कि हर खेत में सिंचाई के लिए पानी की सुविधा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि हम किसानों को 5 रुपए में सिंचाई के लिए बिजली का कनेक्शन देंगे। अगले 3 सालों में 32 लाख किसानों को सोलर पंप देकर बिजली के बिल से मुक्ति दिलाएंगे।
किसान सोलर से प्राप्त बिजली का उपयोग करेंगे और अतिरिक्त बिजली को सरकार खरीद कर किसानों को पैसा देगी।
प्रदेश भर में लगाए जाएँगे किसान मेले
वहीं उमरिया जिले के पाली में आयोजित पेसा महासम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के 100वें जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में वर्षभर उन्हें समर्पित किसान हितैषी आधुनिक मेले प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में लगाएगी।
उन्होंने कहा कि किसानों को खेती की नई तकनीक और उन्नत बीज उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
कृषि आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों के साथ-साथ उद्योग और निवेश को भी बढ़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2025 को उद्योग एवं रोजगार वर्ष घोषित किया गया है।
भोपाल में 12 से 14 अक्टूबर को भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित बड़ा आयोजन किया जाएगा और इससे पहले प्रदेश भर में गरीब, किसान और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कई कार्यक्रम किए जाएंगे।
32 लाख किसानों को दिए जाएंगे सोलर पम्प
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश भर के पात्र किसानों को सम्मान निधि का लाभ दिया जा रहा है। अन्नदाताओं को 5 रुपए में बिजली का कनेक्शन मिल रहा है।
प्रदेश में 32 लाख किसानों के लिए सोलर पंप मात्र 10 प्रतिशत राशि पर मिलेगा। किसान अपने उपयोग के बाद सरकार को भी बिजली बेच सकेंगे।
राज्य सरकार ने दुग्ध-उत्पादन बढ़ाने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना की शुरुआत की है।
उन्होंने कहा कि खेती को आधुनिक बनाने के साथ-साथ दूध उत्पादन के लिए भी विशेष प्रयास करेंगे। वर्तमान में देश के 9 प्रतिशत दूध का उत्पादन मध्यप्रदेश में होता है, इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक ले जाएंगे।
इसके लिए गौपालन करने वालों को अनुदान देंगे तथा सरकार दूध खरीद कर पशुपालकों को लाभान्वित करेगी। मध्यप्रदेश को दूध की राजधानी बनाएंगे।
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