मध्य प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है।
संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी, मप्र भोपाल ने हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, स्मार्ट सीडर, श्रेडर/मल्चर, बेलर, हे रेक/स्ट्रॉ रेक और स्लेशर जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों पर मिलने वाले अनुदान के लिए आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ा दी है।
पहले तय तारीख के स्थान पर अब किसान 17 दिसंबर 2025 तक इन कृषि यंत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
समय बढ़ने से वे किसान भी इस योजना में शामिल हो पाएंगे जो पिछली अंतिम तिथि के कारण आवेदन नहीं कर सके थे।
ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर किए जा रहे आवेदन
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ लेने के लिए सभी आवेदन ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर ऑनलाइन किए जा रहे हैं।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि आवेदन की तारीख बढ़ाने के अलावा योजना की सभी अन्य शर्तें पूर्ववत रहेंगी।
यानी पात्रता मानदंड, दस्तावेज, तकनीकी दिशा–निर्देश और चयन प्रक्रिया पहले जैसे ही लागू रहेंगे।
आवेधक किसान पोर्टल पर पंजीकरण के बाद निर्धारित यंत्र का चयन कर आवेदन कर सकते हैं।
जिन किसानों ने पहले से आवेदन कर रखा है, उन्हें दोबारा आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है।
धरोहर राशि (Demand Draft) जमा करना अनिवार्य
संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी ने यह भी स्पष्ट किया है कि आवेदन के साथ किसानों को धरोहर राशि (डिमांड ड्राफ्ट) जमा करना अनिवार्य होगा। बिना DD के कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
किसानों को अपने बैंक खाते से संबंधित जिले के सहायक कृषि यंत्री के नाम पर DD तैयार करना होगा। विभिन्न कृषि यंत्रों के लिए निधार्रित धरोहर करानी होगी जो इस प्रकार से है:
- हैप्पी सीडर के लिए धरोहर राशि –4500 रुपए
- सुपर सीडर के लिए धरोहर राशि –4500 रुपए
- स्मार्ट सीडर के लिए धरोहर राशि –4500 रुपए
- श्रेडर/मल्चर के लिए धरोहर राशि –5500 रुपए
- बेलर के लिए धरोहर राशि –15000 रुपए
- हे रेक/स्ट्रॉ रेक के लिए धरोहर राशि– 5000 रुपए
- स्लेशर के लिए धरोहर राशि–2000 रुपए
बता दें कि यंत्रों के मूल्य, क्षमता और तकनीकी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ही इन राशियों का निर्धारण किया गया है। DD जमा करने के बाद ही आवेदन प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी।
खेती के काम में आएगी तेजी, अवशेष प्रबंधन में भी सहायक
रविभाग का मानना है कि ये उपकरण किसानों की लागत कम करने, खेतों में तेजी से कार्य पूरा करने और अवशेष प्रबंधन में बहुत सहायक सिद्ध होते हैं।
विशेषकर हैप्पी सीडर, सुपर सीडर और स्मार्ट सीडर जैसे यंत्र पराली प्रबंधन के लिए अत्यंत उपयोगी हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में भी सहायता मिलती है।
विभाग ने किसानों से अपील की है कि जो भी किसान इन यंत्रों पर अनुदान का लाभ लेना चाहते हैं, वे अंतिम तारीख 17 दिसंबर से पहले आवेदन जरूर कर दें, क्योंकि निर्धारित सीमा के बाद आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
योजना का उद्देश्य और किसानों को लाभ
कृषि विभाग का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों से जोड़कर उनकी उत्पादकता बढ़ाना है।
सब्सिडी मिलने से इन महंगे उअपकरणों की लागत काफी हद तक कम हो जाती है, जिससे छोटे और मध्यम वर्ग के किसान भी उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग कर पाते हैं।
ये यंत्र न केवल खेत में काम की गति बढ़ाते हैं, बल्कि फसल अवशेष प्रबंधन, मिट्टी संरक्षण और बेहतर बीज बुवाई सुनिश्चित करते हैं।
इससे उपज बढ़ती है, श्रम लागत घटती है और खेती अधिक लाभकारी बनती है।
- किसान कैसे करें कृषि यंत्र के लिए आवेदन
- सबसे पहले ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर लॉगिन करना हेगा।
- अपनी पात्रता के अनुसार यंत्र का चयन करें
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
- निर्धारित धरोहर राशि का DD बनवाकर जमा करें
- आवेदन की स्थिति समय-समय पर पोर्टल से चेक करते रहें
विभाग ने साफ कहा है कि आवेदन में कोई त्रुटि या दस्तावेजों की कमी मिलने पर आवेदन निरस्त किया जा सकता है। इसलिए किसान सावधानीपूर्वक विवरण भरें।
योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए ई–कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल मध्यप्रदेश विजिट कर सकते हैं या अपने निकटतम कृषि विभाग से संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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