Ladli Behna Yojna
लाडली बहना योजना के तहत अब तक 25 किस्तें दी जा चुकी हैं. सरकार ने 2028 तक इस राशि को 3000 रुपये प्रति माह तक बढ़ाने का वादा किया है.
इसके साथ ही 12 जुलाई को निषादराज सम्मेलन भी होगा, जिसमें मत्स्य कर्मियों के हित में कई घोषणाएं की जाएंगी.
मध्य प्रदेश की लाडली बहनों के लिए खुशखबरी है. हर महीने की 16 तारीख को आने वाली लाडली बहना योजना की किस्त इस महीने 12 तारीख को ही लाभार्थी महिलाओं के खाते में आ जाएगी.
मुख्यमंत्री डॉ. माेहन यादव ने यह घोषणा की है. राज्य की करीब 1.27 करोड़ लाडली बहनों को इसका सीधा फायदा मिलेगा.
सीएम ने कहा कि अगले महीने अगस्त में रक्षाबंधन के मौके पर योजना के तहत वर्तमान में दी जा रही 1250 रुपये की राशि के साथ 250 रुपये की विशेष सहायता राशि भी खाते में ट्रांसफर की जाएगी.
सीएम ने बुधवार को मंत्रालय में कैबिनेट बैठक से पहले मंत्रीगण को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी.
दिवाली के बाद हर महीने मिलेंगे 1500 रुपये
राज्य सरकार ने 2 साल पहले महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लाडली बहना योजना की शुरुआत की थी. अब तक योजना की 25 किस्तें जारी हो चुकी हैं.
हर महीने योजना के तहत 1500 करोड़ रुपये से अधिक राशि लाभार्थियों के खाते में भेजी जाती है.
शुरुआत में लाडली बहनों को 1 हजार रुपये प्रतिमाह की राशि दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 1250 रुपये किया गया है.
बीते महीने सीएम यादव ने दीपावली के बाद किस्त की राशि 1500 रुपये महीना करने की घोषणा की है.
2028 तक 3000 रुपये महीने का मिलेगा लाभ
इसके अलावा राज्य सरकार ने इस राशि को 2028 तक 3000 रुपये प्रतिमाह करने का वादा किया है.
पहले योजना की राशि हर महीने 10 तारीख को महिलाओं के खाते में भेजी जाती थी, लेकिन पिछले कुछ महीनों से इसे 16 तारीख को भेजा जा रहा है. वहीं, अब जुलाई की किस्त 12 तारीख को समय से पहले जारी की जा रही है.
एमपी में 12 जुलाई को निषादराज सम्मेलन
वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य में मत्स्य पालन के क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों के समग्र कल्याण और सम्मान के लिए निषादराज सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि निषादराज जयंती 10 जुलाई को है, लेकिन राज्य में समन्वित रूप से 12 जुलाई को निषादराज सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे.
इस सम्मेलन में मत्स्य पालन क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की पारिश्रमिक दरों में बढ़ोतरी, बोनस वितरण, उनके आराम के लिए जलाशयों के किनारे प्लेटफॉर्म्स बनाने से जुड़ी कोशिशें की जाएंगी.
सीएम ने बताया कि भोपाल में करीब 5 करोड़ की लागत से आधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान बनाने के लिए भी ठोस प्रयास किए जा रहे हैं.
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