कृषि मंत्री ने कहा कि भावांतर योजना के तहत किसानों को सोयाबीन की उपज बेचने पर विक्रय दर/ मॉडल प्राइस से प्राप्त राशि एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर की राशि सरकार द्वारा दी जाएगी।
सरकार की भावांतर भुगतान योजना के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी का काम 24 अक्टूबर से शुरू हो गया है।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने बताया कि भावांतर भुगतान योजना भारत सरकार की प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान अंतर्गत प्राईस डिफिसिट स्कीम के तहत संचालित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों की खरीफ 2025 में उत्पादित सोयाबीन उपज मंडियों में नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से विक्रय होने पर विक्रय दर/मॉडल प्राइस से प्राप्त राशि एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर की राशि की प्रतिपूर्ति मध्यप्रदेश शासन द्वारा किया जाना है।
योजना के तहत किसान 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक सोयाबीन बेच सकेंगे।
किसानों को समय सीमा में किया जाएगा भावांतर राशि का भुगतान
कृषि मंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत समर्थन मूल्य तथा मॉडल प्राइस की भावांतर की राशि का भुगतान भारत सरकार / राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा।
मंडी समिति में किसानों द्वारा अपनी सोयाबीन उपज नीलामी किये जाने के उपरांत व्यापारी द्वारा राशि का भुगतान उसी दिन किसान को किया जायेगा।
किसानों को शासन द्वारा देय भावांतर राशि का भुगतान समय-सीमा में करने के लिए मंडी बोर्ड द्वारा अस्थाई रूप से ऋण की व्यवस्था की जायेगी, जिसकी प्रतिपूर्ति भारत सरकार / राज्य सरकार द्वारा निर्धारित समय अवधि में की जायेगी।
इस योजना के तहत मंडी बोर्ड पर किसी तरह का अतिरिक्त व्यय-भार नहीं आयेगा।

