एमपी में कहीं भी हैवी रेन का अलर्ट नहीं : हल्की बारिश का दौर रहेगा

अब तक 42.1 इंच पानी गिरा

साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से मध्यप्रदेश के कई जिलों में बारिश जारी है। यह सिस्टम मंगलवार को दूर हो जाएगा।

ऐसे में मौसम विभाग ने प्रदेश में कहीं भी भारी बारिश होने की चेतावनी जारी नहीं की है। अगले 3 दिन हल्की बारिश का दौर बना रहेगा। भोपाल में सुबह से बादल हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक, यदि लोकल सिस्टम की एक्टिविटी रही तो कुछ जिलों में तेज पानी गिर सकता है।

इससे पहले सोमवार को भोपाल में दिनभर धूप खिलने के बाद शाम साढ़े 5 बजे बादल बरस पड़े। कई इलाकों में आधा घंटा तक तेज बारिश हुई।

रायसेन, सतना, मंडला, पचमढ़ी, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, सिवनी में भी बारिश हुई।

रायसेन में सबसे ज्यादा 2 इंच पानी गिर गया। वहीं, सतना में सवा इंच और मंडला-पचमढ़ी में आधा इंच पानी बरसा।

 

राजस्थान से लौट रहा मानसून

रविवार को राजस्थान के कई जिलों से मानसून की वापसी हो गई। अगले दो-तीन दिन में पंजाब और गुजरात के कुछ हिस्सों से भी मानसून लौट सकता है।

इसके बाद एमपी से भी मानसून की वापसी होने लगेगी। हालांकि, सितंबर में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।

 

एमपी में कोटे से ज्यादा पानी गिरा

बता दें कि मध्यप्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 42.1 इंच बारिश हो चुकी है।

अब तक 35.2 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 6.9 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है।

इस मानसूनी सीजन में इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं है। यहां सबसे कम पानी गिरा है। सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा खरगोन और शाजापुर शामिल हैं।

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