IARI के द्वारा गेहूं की अच्छी पैदावार और किसानों की आय बढ़ाने के लिए गेहूं की 4 नई किस्मों को विकसित किया है.
गेहूं की ये चार नई किस्में कम समय में अधिक उपज देने में सक्षम है.
साथ ही अधिकतम उपज क्षमता 68.8 क्विंटल/हेक्टेयर तक प्राप्त कर सकते हैं.
आइए इन सभी किस्मों के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं…
जानें इनकी खासियत
गेहूं की खेती रबी फसलों की प्रमुख फसल में एक है. भारत के किसानों के द्वारा गेहूं की खेती सबसे अधिक लाभदायक होती है.
इसकी खेती से अच्छा उत्पादन पाने के लिए किसानों को कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए.
इसी कड़ी में भारतीय कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा गेहूं के किसानों के लिए समय-समय पर कृषि सलाह जारी की जाती है.
साथ ही IARI के द्वारा गेहूं की अच्छी पैदावार और किसानों की आय बढ़ाने के लिए गेहूं की उन्नत किस्मों को भी तैयार किया जाता है.
आज हम गेहूं की ऐसी ही किस्मों की जानकारी लेकर आए हैं, जिन्हें IARI नई दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है.
गेहूं की जिन उन्नत किस्मों की हम जानकारी देने जा रहे हैं, वह कम समय में अच्छी पैदावार देने में सक्षम है.
आइए IARI नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई गेहूं की 4 उन्नत किस्मों के बारे में जानते हैं…
IARI द्वारा विकसित की गई गेहूं की 4 उन्नत किस्में
नई एचडी 3390 किस्में
गेहूं की यह उन्नत किस्म दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए जारी की गई है. किसान इससे औसत उपज: 62.36 क्विंटल/हेक्टेयर है. साथ ही संभावित उपज: 71.4 क्विंटल/हेक्टेयर है.
वही, गेहूं की इस किस्म के पौधे की ऊंचाई: 102 सेमी पीले, भूरे और काले रतुआ के लिए अत्यधिक प्रतिरोधी उच्च प्रोटीन सामग्री (12%), चपाती बनाने के लिए अच्छा एचडी 2967 (15%), एचडी 3086 (10%), एचडी 3226 (7%), और डीबीडब्ल्यू 187 (4%) की तुलना में अधिक उपज दे सकती है.
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नई एचडी 3410 किस्म
गेहूं की यह किस्म मध्य प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर के लिए जारी की गई है. इस किस्म में जैव-प्रबलित गेहूं की किस्म जिसमें प्रोटीन की मात्रा का उच्च स्तर (12.6%) है.
इससे किसान औसत उपज 65.91 क्विंटल/हेक्टेयर तक प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा तीनों रतुओं के लिए प्रतिरोधी किस्म है.
गेहूं की एचडी 3410 किस्म में एचडी 3086 (24% अधिक), डीबीडब्ल्यू 187 (7% अधिक), डब्ल्यूएच 1270 (23% अधिक) और डीबीडब्ल्यू 303 (24% अधिक) की तुलना में अधिक उपज देती है.
साथ ही गेहूं की इस नई किस्म में अन्य किस्मों की तुलना में करनाल बंट प्रतिरोध का उच्च स्तर (3.3%), उच्च कठोरता सूचकांक (80.8) और हजार दाने का वजन 47 ग्राम होता है.
गेहूं की नई किस्म HD 3385
गेहूं की यह नई उन्नत किस्म PPVFRA पंजीकृत है. गेहूं की यह किस्म औसत उपज: 59.7 क्विंटल/हेक्टेयर और संभावित उपज: 73.4 ग्राम/हेक्टेयर देती है.
इसके अलावा गेहूं की नई किस्म HD 3385 के पौधे की ऊंचाई 98 सेमी होती है.
गेहूं की यह नई किस्म गिरने के प्रति सहनशील पीले, भूरे और काले रतुआ के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी है.
इस किस्म को गेहूं की सबसे अधिक कल्ले निकलने वाली किस्म भी माना जाता है.
यह किस्म HD 2968 (15% तक), HD 3086 (10% तक) और अन्य लोकप्रिय किस्मों की तुलना में अधिक उपज देती है.
गेहूं की पूसा कृषि HD3388 (पूसा यशोधरा)
गेहूं की यह किस्म TS-IR-NEPZ पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल (पहाड़ियों को छोड़कर), उड़ीसा, असम और उत्तर पूर्व के मैदानी इलाके के किसानों के लिए उपयुक्त है.
गेहूं की यह किस्म औसत उपज: 52.0 क्विंटल/हेक्टेयर तक दे सकती है. इसके अलावा इस किस्म में आनुवंशिक उपज क्षमता 68.8 क्विंटल/हेक्टेयर है.
साथ ही इसमें धारीदार और पत्ती जंग के लिए प्रतिरोधी उच्च करनाल बंट प्रतिरोध (5.05%) उच्च प्रोटीन सामग्री (11.47%). बहुत अच्छी चपाती की गुणवत्ता (8.0) 0.89 के HSI द्वारा इंगित गर्मी तनाव के प्रति सहनशील है.
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