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गेंहू की पछेती बुवाई के लिए यह बेस्ट 5 किस्में देगी बंपर पैदावार

देश के ज्यादातर हिस्सों में बुवाई का काम 70 प्रतिशत तक कंप्लीट हो चुका है।

लेकिन एवं आर्थिक दिक्कत के कारण कई छोटे एवं सीमांत किसान भाई समय पर गेंहू की बुवाई नही कर पाते है।

ऐसे में आज हम आपको बताने वाले गेंहू की ऐसी 5 बेस्ट पछेती किस्मों के बारे जिनकी बुवाई से बंपर पैदावार मिलता है।

इन किस्मों की जानकारी नीचे दी गई है।

 

बेस्ट 5 किस्में

हमारे देश में अक्सर कहा जाता है की, पछेती बुवाई Gehun ki pacheti kism से ज्यादा कुछ खास पैदावार नही निकलती है, लेकिन ऐसा नहीं है।

यदि गेंहू की उन्नत पछेती किस्म का चयन किया जाए तो यह बात गलत सिद्ध हो सकती है।

यदि आप गेंहू की बुवाई में रह गए है तो, इस लेख में आपको गेंहू की 5 पछेती किस्मों के बारे में दी गई है।

यह आर्टिकल को अंत तक पढ़ें…

 

गेंहू की पछेती बुवाई कब तक कर सकते है?

गेंहू की पछेती Gehun ki pacheti kism बुवाई 1 अक्टूबर से लेकर 15 दिसंबर तक कर सकते है।

यह समय पछेती किस्मों की बुवाई के लिए उत्तम माना जाता है।

वही बात करें अगेती किस्म की बुवाई का तो, अक्टूबर तक अंतिम समय होता है।

यहां नीचे आपको कुछ बेस्ट पछेती किस्मों की जानकारी दी जा रही है।

 

पछेती बुवाई के लिए गेंहू की किस्में

  1. नरेन्द्र गेहूं 1076,
  2. राज 3765,
  3. हिम पालम गेहूं 3,
  4. यूपी 2338 ,
  5. एचडी 2888 है।

 

नरेन्द्र गेहूं 1076

पछेती बुवाई के लिए नरेन्द्र गेहूं 1076 किस्म सबसे अच्छी मानी जाती है।

इस किस्म के पौधे करीब तीन फीट तक लंबे होते हैं और यह खेत में 110 से 115 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाती है।

वहीं, अगर इसके उत्पादन क्षमता की बात करें, तो इस किस्म से किसान प्रति हेक्टेयर 40-45 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

गेहूं की यह किस्म रतुआ और झुलसा रोग अवरोधी होती है।

 

राज 3765

गेंहू की यह पछेती किस्म राज 3765 सामान्य बुवाई, सिंचाई व पिछेती बुवाई के लिए उपयुक्त है।

सामान्य बुवाई में इसके पकने का समय 120 से 125 दिन है, जबकि पिछेती बुवाई में यह किस्म 110 से 115 दिन में पककर तैयार हो जाती है।

दाने शरबती चमकीले आभा लिए सख्त व बड़े आकार के होते हैं।

यह किस्म पिछेती बुवाई में औसतन 38 से 42 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक उपज दे सकती है।

 

हिम पालम 3 गेहूं किस्म

गेहूं की यह किस्म सबसे अधिक उत्पादन देने वाली मानी जाती है। यह किस्म कई तरह के रोगों से खुद को बचाने में सक्षम है।

जैसे कि- पीला एवं भूरा रतुआ फ्यूजेरियम हेडब्लाईट और ध्वज कंड आदि।

भारत के ज्यादातर घरों में इस किस्म के गेहूं के आटे की रोटी बनती है।

हिम पालम गेहूं 3 से किसान प्रति हेक्टेयर 25 से 30 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

 

यूपी 2338 गेंहू किस्म

गेहूं की इस किस्मों को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा के किसानों के द्वारा सबसे अधिक उगाया जाता है।

क्योंकि यूपी 2338 की पछेती किस्म इन स्थानों की मिट्टी में अधिक पैदावार देती है।

यह किस्म खेत में 130 से 135 दिनों में पक जाती है।

 

एचडी 2888 गेंहू किस्म

गेहूं की एचडी 2888 किस्म को उन स्थानों के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है, जहां गेहूं की बुवाई देरी से की जाती है।

इसके पौधे करीब तीन फीट तक लंबे होते है और वहीं इसे किसान प्रति हेक्टेयर लगभग 30 से 40 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं।

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