अधिक उत्पादन और कम समय में पैदावार के लिए किसान गेहूं की जिन गेहूं की किस्मों को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं उनमें एचडी 2967, डब्ल्यूएच 1105, पीबीडब्ल्यू 550, एचडी 3086 सबसे ख़ास हैं.
आज हम आपको गेहूं की ऐसी ही अगेती बुआई की किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं.
गेहूं की किस्में
भारत में खाद्यान्न की प्रमुख फसलों में मक्का, ज्वार, बाजरा, धान और गेहूं समेत कई फसलें शामिल हैं.
हरित क्रांति के बाद से भारत में खाद्यान्न की पैदावार में लगातार बढ़ रही है.
अगर हम गेहूं की पैदावार की बात करें तो भारत में वर्ष 2021-22 में देश में 1077.42 लाख टन का उत्पादन हुआ था.
वहीं अगर वर्ष 2022-23 के दौरान इसकी बात करें तो 28.12 लाख टन अधिक उत्पादन हुआ था.
गेहूं की उत्पादकता उसकी उन्नत किस्मों पर निर्भर करती है.
भारत में गेहूं की उन्नत किस्मों में सबसे ज्यादा एचडी 2967, डब्ल्यूएच 1105, पीबीडब्ल्यू 550, एचडी 3086 आदि हैं.
रबी सीजन में इसकी बुआई अक्टूबर के अंत से शुरू होकर नवंबर-दिसंबर तक अलग-अलग चरणों में चलती है.
आज हम आपको गेहूं की कुछ ख़ास अगेती किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं.
ये किस्में किसानों को ज्यादा पैदावार के साथ में बंपर कमाई के आप्शन भी खुल जाते हैं.
डब्ल्यूएच 1105
गेहूं यह एक अगेती बुआई की किस्म है.
उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्यप्रदेश में इस किस्म को किसान ज्यादा पैदावार के लिए खूब पसंद करते हैं.
दरअसल यह किस्म 150 से 160 दिनों के अंदर पक कर तैयार हो जाती है.
वहीं अगर इसकी पैदावार की बात करें तो यह 20 से 24 क्विंटल प्रति एकड़ तक की पैदावार देती है.
इसके पौधे की लम्बाई लगभग 90 से 100 सेंटीमीटर तक होती है.
एचडी 2967
एचडी 2967 किस्म भारत के एक बड़े क्षेत्र को गेहूं उत्पादन हेतु कवर करती है.
150 दिनों के अंदर पककर तैयार होने वाली इस किस्म की खेती सबसे ज्यादा पंजाब और हरियाणा क्षेत्र में की जाती है.
इसके अलावा यह उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश और झारखंड के कुछ क्षेत्रों में भी की जाती है.
गेहूं की यह किस्म प्रति एकड़ में 20 से 25 क्विंटल की पैदावार देती है.
इस किस्म की सबसे ख़ास बात यह है कि इसकी लम्बाई 100 सेंटीमीटर से ज्यादा होती है.
जिस कारण इसकी कटाई के बाद इससे अधिक मात्रा में भूसा भी निकाला जा सकता है.
पीबीडब्ल्यू 550
गेहूं की पीबीडब्ल्यू 550 किस्म अन्य किस्मों से अधिक जल्दी पाक कर तैयार हो जाती हैं.
इस किस्म के पकने का अधिकतम समय 140 से 145 दिन होता है.
इस किस्म की ख़ास बात यह है कि इसमें बहुत ही कम रोगों का प्रभाव पड़ता है.
भारत में यह किस्म उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश में प्रमुख रूप से उगाई जाती है.
इसकी 20 से 23 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार तक लिया जा सकता है.
इन किस्मों के अलावा, भी भारत में गेहूं की बहुत सी उन्नत किस्मों को ज्यादा पैदावार के लिए प्रयोग में लाया जाता है.
भारत में सबसे अधिक पसंद की जाने वाली किस्मों में वीएल-832, वीएल-804, एचएस-365, एचएस-240, एचडी2687, डब्ल्यूएच-147, डब्ल्यूएच-542, पीबीडब्ल्यू-343, डब्ल्यूएच-896(डी), पीडीडब्ल्यू-233(डी), यूपी-2338, पीबीडब्ल्यू- 502, श्रेष्ठ (एचडी 2687), आदित्य (एचडी 2781), एचडब्ल्यू-2044, एचडब्ल्यू-1085, एनपी-200(डीआई) और एचडब्ल्यू-741 आदि शामिल हैं.
ये सभी किस्में अधिक पैदावार और कम खर्च के साथ किसानों के लिए लाभ पहुंचाने वाली हैं.