सड़े हुए फूलों से बनेगी ऐसी खाद, ऑर्गेनिक खेती में आएगी नई जान

फूलों में प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं. जब ये फूल सड़ते हैं तो जैविक रूप से टूटकर मिट्टी में मिल जाते हैं और पौधों को जरूरी पोषण देते हैं.

यह खाद रासायनिक उर्वरकों के मुकाबले सस्ती, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होती है.

फूलों से बनी कंपोस्‍ट या खाद से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है. इसके अलावा केंचुओं और गुड माइक्रो-बैक्‍टीरिया भी मिट्टी में बढ़ते हैं.

घर, मंदिर, शादी–समारोह या पूजा-पाठ के बाद बचे फूल अक्सर कचरे में फेंक दिए जाते हैं. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सड़े हुए फूल खेत और बगीचे के लिए बेहद असरदार जैविक खाद बन सकते हैं.

यह खाद न सिर्फ मिट्टी की सेहत सुधारती है बल्कि फसलों की पैदावार बढ़ाने में भी मदद करती है. आज यह सड़े हुए फूल कई किसानों के लिए बेहतर मुनाफे का जरिया बन रहे हैं.

सिर्फ किसान ही क्‍यों आप भी अपने किचन गार्डेन के लिए इन सड़े हुए फूलों से एक ऐसी कंपोस्‍ट तैयार कर सकते हैं जो आपके नन्‍हें-नन्‍हें पौधों के लिए रामबाण साबित होगा.

 

क्यों फायदेमंद हैं सड़े हुए फूल

फूलों में प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं. जब ये फूल सड़ते हैं तो जैविक रूप से टूटकर मिट्टी में मिल जाते हैं और पौधों को जरूरी पोषण देते हैं.

यह खाद रासायनिक उर्वरकों के मुकाबले सस्ती, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होती है.

फूलों से बनी कंपोस्‍ट या खाद से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है. इसके अलावा केंचुओं और गुड माइक्रो-बैक्‍टीरिया भी मिट्टी में बढ़ते हैं.

इसके अलावा पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं, सब्जियों, फलों और फूलों की पैदावार बेहतर होती है. दूसरी तरफ रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होती है और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिलता है.

 

कैसे बनाएं कंपोस्‍ट

  • सबसे पहले बचे हुए फूलों को इकट्ठा करें लेकिन इस बात का ध्‍यान रखें कि इनमें प्लास्टिक, धागा या कोई पन्नी न हो.
  • एक ड्रम, गड्ढा या कंपोस्ट पिट लें और इसमें नीचे सूखी पत्तियां या भूसा बिछाएं.
  • उस पर फूलों की एक परत डालें. ऊपर से थोड़ी मिट्टी या गोबर की खाद डालें.
  • अगर खाद जल्‍दी से जल्‍दी चाहिए तो इसमें छाछ, गुड़ का घोल या जीवामृत मिला सकते हैं.
  • हर 10–15 दिन में मिश्रण को उलट-पलट करते रहें ताकि हवा मिलती रहे.
  • करीब 30 से 45 दिनों में फूल पूरी तरह सड़कर गहरे रंग की भुरभुरी खाद में बदल जाएंगे.

 

कैसे करें इसका प्रयोग 

इस कंपोस्‍ट को आप सब्जियों की क्यारी में बुआई से पहले मिलाएं.इसके अलावा अगर फलदार पौधों में प्रयोग करना चाहते हैं तो इसे जड़ों में डालें.

इसके अलावा गमलों में मिट्टी के साथ मिलाकर इसका प्रयोग करें. अगर आप इसे फूलों के पौधों में डालते हैं तो उनका रंग और संख्या दोनों ही बढ़ जाती है.

यह खाद सब्जियों, टमाटर, मिर्च, बैंगन, फूलों, पपीता, केला और बागवानी फसलों के लिए खास तौर पर फायदेमंद मानी जाती है.

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