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जैविक खेती करके इस किसान ने अपनी आय की सात गुना

देश में सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही फसलों की लागत कम करने और रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए जैविक एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है।

किसानों को जैविक एवं प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं।

इस कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी ने मिजोरम के एक ऐसे किसान से बात की जिसने जैविक खेती कर अपनी आय को सात गुना बढ़ाया है।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने की सराहना

बता दें कि 8 जनवरी के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से बातचीत की।

इस दौरान केन्द्रीय मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और स्थानीय स्तर के प्रतिनिधियों के साथ-साथ देश भर से विकसित भारत संकल्प यात्रा के हजारों लाभार्थी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

 

जैविक खेती से कितनी आमदनी हुई

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मिजोरम के किसान शुयाया राल्ते ने कहा कि वह 2017 से जैविक खेती कर रहे हैं।

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी देते हुए बताया कि वे जैविक खेती के जरिये अदरक, मिजो मिर्च तथा अन्य सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं।

किसान ने बताया कि वह जितनी भी फसल का उत्पादन कर रहे हैं उसे वे नई दिल्ली की कंपनियों को बेचते हैं जिससे उनकी आय में बहुत अधिक वृद्धि हुई है।

किसान ने बताया कि जहां पहले वह खेती से सालाना मात्र 20,000 रुपये कमाते थे वहीं अब जैविक खेती से सालाना 1,50,000 रुपये कमा रहे हैं।

इससे किसान की आय में लगभग 7 गुना की वृद्धि हुई है।

 

किसान कैसे बेचते हैं अपनी उपज

प्रधानमंत्री मोदी ने किसान से उनकी उपज बाजार में बेचे जाने को लेकर सवाल किया।

जिस पर किसान राल्ते ने कहा कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र में मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट के तहत एक बाजार बनाया गया है जहां किसान बिना किसी बाधा के अपनी उपज बेच सकते हैं।

इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने संतोष व्यक्त किया और कहा कि देश में कई किसान जैविक खेती को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और श्री राल्ते जैसे उत्तर पूर्व के दूर-दराज के इलाकों के किसान इसके लिए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि जैविक खेती आम लोगों और भूमि, दोनों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले नौ वर्षों के दौरान रसायन-मुक्त उपज का बाजार सात गुना से अधिक बढ़ गया है,

 जिससे किसानों की आय में वृद्धि होने के साथ-साथ उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य भी बेहतर हुआ है।

उन्होंने जैविक खेती करने वाले किसानों का धन्यवाद किया और अन्य लोगों से भी खेती की इस विधि को अपनाने का आग्रह किया।

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