मुर्गीपालन और बटेरपालन में नवाचार से छिन्दवाड़ा जिले के तमिया विकासखंडों के ग्राम जूनापानी के मुर्गीपालक किसान मुकेश डेहरिया लगभग 28 लाख रुपये सालाना कमा रहे हैं।
वे अपने देशी मुर्गी फार्म में देशी मुर्गियों के साथ ही कड़कनाथ मुर्गी और बटेर का पालन कर प्रति माह लाखों का शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं।
उनकी सफलता को देखकर आस-पास के जिले के मुर्गीपालक भी प्रेरित हो रहे हैं और अन्य जिले के पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ उनका मुर्गी फार्म देखने आ रहे हैं।
कड़कनाथ और बटेर
मुकेश डेहरिया अपने देशी मुर्गी फार्म में कड़कनाथ एवं बटेर का एक साथ पालन करते हैं। उन्होंने बताया कि बटेर के अंडों को हैचरी मशीन में रखकर बटेर के बच्चे निकाले जाते हैं।
हैचरी मशीन की क्षमता 3200 अण्डों की है। बटेर के बच्चे निकालने के बाद 35 दिन में बटेर मार्केट में बेचने लायक हो जाती है।
एक बटेर की कीमत जिसका वजन 200 ग्राम होता है 80 रूपये में बेची जाती है।
बटेर के अंडों में होता है ज्यादा प्रोटीन
बटेर का अण्डा 07 से 09 ग्राम का होता है, जिसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। यदि मुर्गी के 04 अण्डे खाते हैं, तो बटेर के 02 अण्डे मुर्गी के 04 अण्डों के बराबर होते हैं।
बटेर के चूजे एवं मुर्गी के चूजे आसपास के क्षेत्रों में इच्छुक व्यक्तियों को सप्लाई किये जा रहे हैं। वर्तमान में बटेर की डिमांड होटलों में बहुत ज्यादा है।
अभी 2000 बटेर मार्केट के लिये उपलब्ध हैं, साथ ही 500 बटेर के चूजे, 300 देशी मुर्गी के चूज़े और 200 कड़कनाथ के चूज़े भी उपलब्ध हैं।
बटेर के मांस में कॉलेस्ट्राल बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है, जो मानव उपभोग (ह्यूमन कंजम्पशन) के लिये बहुत लाभदायक है।
साथ ही बटेर में किसी भी प्रकार की बीमारी होने की संभावना नहीं होती है, जबकि मुर्गियों में विभिन्न प्रकार की बीमारियां पाई जाती हैं।
डेहरिया ने बरेली से प्रशिक्षण के दौरान 02 टर्की भी लाए हैं और उन्हें पाला जा रहा है।
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अन्य जिलों के अधिकारी भी देखने आते हैं फार्म
मुकेश डेहरिया को मुर्गी और बटेर पालन से हो रहे लाभ से प्रेरित होकर बीते दिनों उप संचालक पशुपालन जिला नरसिंहपुर डॉ. अजगर खान ने उप संचालक पशुपालन छिंदवाड़ा डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार के साथ ग्राम जूनापानी पहुंचकर संयुक्त रूप से डेहरिया के मुर्गी फार्म और बटेर फार्म का निरीक्षण किया एवं विस्तृत जानकारी प्राप्त कर नवाचार के रूप में नरसिंहपुर में भी बटेर पालने के लिए बटेर के चूजों की मांग डेहरिया से की है।
साथ ही उप संचालक नरसिंहपुर डॉ. अजगर खान ने मुर्गी पालन के साथ ही बटेर पालन व्यवसाय किये जाने पर फार्म संचालक डेहरिया की प्रशंसा की।
इसके पूर्व कलेक्टर छिंदवाड़ा भी मुकेश का फार्म देखने पहुंचे थे और उनके नवाचार की सराहना की।
फार्म विस्तार के लिए मिलेगा 20 लाख रुपये का अनुदान
डेहरिया ने बताया कि कलेक्टर छिंदवाड़ा शीलेन्द्र सिंह के निर्देशानुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिंदवाड़ा अग्रिम कुमार और उपसंचालक पशुपालन छिंदवाड़ा डॉ.पक्षवार के मार्गदर्शन में मेरा पोल्ट्री फार्म के लिए 40.00 लाख का प्रकरण ऑनलाइन पूर्ण कर दिया गया है, जिसमें मुझे 50 प्रतिशत सब्सिडी 20 लाख रुपए की राशि प्राप्त होगी।
जिससे मैं अपने पोल्ट्री फार्म का विस्तार कर सकूंगा। डेहरिया ने बताया गया कि प्रति माह मुझे 01 लाख रुपए की शुद्ध आय प्राप्त हो जाती है।
फार्म का वार्षिक टर्न ओवर 28 लाख रुपए है। मुकेश डेहरिया अपील करते हैं कि किसी हितग्राही, मुर्गीपालक एवं बटेर पालक अथवा एन.जी.ओ. को चूजों की आवश्यकता है तो मेरे फार्म से प्राप्त कर सकते हैं।
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