रिकॉर्ड तोड़ पैदावार देती है गेहूं की यह किस्म

देश में गेहूं का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाकर किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सके इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा गेहूं की नई-नई उन्नत किस्में विकसित की जा रही है।

इस कड़ी में भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा गेहूं किस्म करण शिवानी DBW 327 का विकास किया गया है।

गेहूं की यह किस्म अधिक पैदावार देने के साथ ही कई रोगों के लिए प्रतिरोधी है। जिससे किसानों को इस किस्म से प्रति एकड़ रिकॉर्ड पैदावार प्राप्त भी हुई है।

करण शिवानी किस्म को केंद्रीय किस्मों की विमोचन समिति द्वारा 2021 में खेती के लिए जारी किया गया है।

 

गेहूं किस्म करण शिवानी DBW 327

भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा विकसित गेहूं की किस्म करण शिवानी DBW 327 को भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों की सिंचित दशा और अगेती बुआई वाली खेती के लिए अनुशंसित किया गया है।

जिसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर डिवीजन को छोड़कर) और पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू कश्मीर (जम्मू और कठुआ जिले), हिमाचल प्रदेश (ऊना जिला और पांवटा घाटी) और उत्तराखंड (तराई क्षेत्र) शामिल है।

 

करण शिवानी DBW 327 गेहूं किस्म की विशेषताएँ

  • अखिल भारतीय अनुसंधान परियोजना गेहूं के अगेती उच्च उपज क्षमता परीक्षणों में इस किस्म की औसत उपज क्षमता 79.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पायी गई है, जो एचडी 2967 से 35 प्रतिशत एवं एचडी 3086 से 13.6 प्रतिशत अधिक है।
  • वहीं उत्पादन परीक्षणों के तहत इस किस्म द्वारा 87.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की अधिकतम पैदावार क्षमता दर्ज की गई है।
  • इस किस्म को पूरे जोन में पैदावार की अच्छी स्थिरता पायी गई है और अधिक उर्वरकों और वृद्धि नियंत्रकों के प्रयोग से अच्छे परिणाम दर्शायें है।
  • dbw 327 किस्म उच्च तापमान एवं सूखे के प्रति अवरोधी पायी गई है।
  • यह किस्म पीला व भूरा रतुआ की सभी प्रमुख रोगजनक प्रकारों के लिए प्रतिरोधक पायी गई है।
  • इसके अलावा DBW 327 में करनाल बंट रोग के प्रति अन्य किस्मों की तुलना में अधिक रोगरोधिता पायी गई है।
  • DBW 327 के दानों में उच्च लौह (39.4 ppm) तथा जिंक (40.6 ppm) की मात्रा, अच्छा दानों का रूप स्कोर (6.4) चपाती स्कोर (7.67), अधिक गीला व सूखा ग्लूटन मात्रा (35.5% और 11.3 प्रतिशत) और बिस्कुट फैलाव गुणांक 6.7 सेमी है। अच्छा ब्रेड स्कोर (6.56/10) होने के कारण यह किस्म गेहूं के कई उत्पादों के लिए बहुत उपयुक्त है।
  • यह किस्म औसतन 155 दिनों में पककर तैयार हो जाती है वहीं इसके 1000 दानों का वजन लगभग 48 ग्राम होता है। वहीं इसके पौधों की ऊँचाई लगभग 98 सेमी होती है।

 

गेहूं किस्म करण शिवानी DBW 327 की खेती

करण शिवानी किस्म गेहूं की अगेती बुआई के लिए अनुशंसित की गई है, इसलिए इसकी बुआई के लिए उपयुक्त समय 20 अक्टूबर से 5 नवम्बर तक है।

किसान इसकी बुआई के लिए 100 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर का उपयोग करें वहीं बुआई के लिए पंक्तियों के बीच की दूरी 20 सेमी रखें।

करण शिवानी किस्म की खेती सिंचित क्षेत्रों में की जा सकती है। इस किस्म को 5 से 6 सिंचाइयों की आवश्यकता होती है।

जिसमें पहली सिंचाई बुआई के 20 से 25 दिनों बाद तथा उसके बाद की सिंचाई भी 20 से 25 दिनों के अन्तराल पर करना उपयुक्त रहता है।

करण शिवानी किस्म से किसान औसतन 31.6 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। वहीं इस किस्म की अधिकतम उपज क्षमता 35.08 क्विंटल प्रति एकड़ है।

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