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अतिरिक्त आय के लिए मशरूम उत्पादन पर प्रशिक्षण

 

कृषि विज्ञान केंद्र, रायसेन द्वारा मषरूम उत्पादन पर प्रषिक्षण आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केंद्र, रायसेन के वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख, डॉ स्वप्निल दुवे, वैज्ञानिक, डॉ अंशुमान गुप्ता, श्री रंजीत सिंह राघव, श्री प्रदीप कुमार द्विवेदी, श्री मुकुल कुमार, कु. लक्ष्मी चक्रवर्ती प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

 

मषरूम उत्पादन पर प्रषिक्षण बैतूल से आये उन्नतषील कृषक श्री विकास भनारे द्वारा दिया गया। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेष में मषरूम की दो प्रजातिया ऑयस्टर व बटन मषरूम का उत्पादन किया जाता है। जिसमें ऑयस्टर मषरूम का उत्पादन आसानी से किया जा सकता है। मषरूम उत्पादन हेतु उपयुक्त सामग्री गेहूं का भूंसा, मषरूम बीज, फार्मलीन, बावस्टीन, प्लास्टिक की थैली की आवष्यकता होती है।

 

एक किलो उपचारित भूंसे से 500 से 600 ग्राम तक मषरूम 21 से 30 दिन में तैयार किया जा सकता है। जिसकी बाजार में कीमत 30 से 35 रूपये तक प्र्राप्त हो जाती है।

 

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डॉ. स्वप्निल दुबे ने कहा कि छोटे व भूमीहीन किसानों के लिए अतिरिक्त आय हेतु मषरूम उत्पादन एक उपयुक्त विकल्प है। मषरूम में कॉलोस्ट्रोल न होने के कारण व प्रोटीन की मात्रा अधिक होने के कारण इसका खान-पान में अधिक महत्व है। मषरूम के उत्पाद के रूप में सूप, बड़ी, पापड़, अचार भी बनाया जा सकता है।

 

वैज्ञानिक डॉ. मुकुल कुमार द्वारा मषरूम की उपयोगिता, विभिन्न प्रकार की मषरूम बटन, ढिंगरी, षिटाके व दूधिया मषरूम की जानकारी, आदि की तकनीकी जानकारी विस्तारपूर्वक दी गयी।

 

वैज्ञानिक श्री प्रदीप कुमार द्विवेदी द्वारा मषरूम में लगने वाले कवक जनित रोग, विपणन सम्बन्धी जानकारी दी गई।आभार वैज्ञानिक श्री आलोक सूर्यवंषी द्वारा दिया गया व श्री सुनील केथवास, श्री पंकज भार्गव का विषेष योगदान रहा

 

 

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