प्रशासन और ग्रामीणों की सतर्कता से नकली खाद से भरा एक ट्रक पकड़ा गया, जिसे डीएपी के नाम से बेचा जा रहा था।
बताया गया कि ट्रक से बड़ी मात्रा में नकली उर्वरक गांव में पहुंचाया जा रहा था।
इन दिनों जहाँ कई स्थानों पर किसानों यूरिया और डीएपी खाद मिल नहीं पा रहा है, वहीं कई स्थानों पर खाद की कालाबाजारी, मुनाफाखोरी और नकली उर्वकरों की ब्रिकी की ख़बरें आ रही है।
जिसको देखते हुए कृषि विभाग द्वारा नकली खाद और कालाबाजारी रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
इस कड़ी में मध्य प्रदेश कृषि विभाग द्वारा रायसेन जिले के बागोद गांव में नकली खाद से भरा एक ट्रक पकड़ा गया है, जिसे डीएपी के नाम से बेचा जा रहा था।
बताया गया कि ट्रक से बड़ी मात्रा में नकली उर्वरक गांव में पहुंचाया जा रहा था।
नकली खाद पकड़वाने में ग्रामीणों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ग्रामीणों ने उर्वरक नकली होने का संदेह होने पर इसकी सूचना प्रशासन को दी।
सूचना प्राप्त होते ही कृषि और राजस्व अधिकारी मौके पर पहुंचे और ट्रक रोककर उर्वरक की जांच की।
ट्रक में उर्वरक की 92 बोरियां पाई गई। जांच में उर्वरक मानकों पर खरा नहीं उतरने पर मौके पर पंचनामा बनाया गया।
उर्वरक सहित वाहन को जप्त किया गया। प्रयोगशाला भोपाल द्वारा की गई जांच में उर्वरक के सैंपल अमानक पाये गये है।
उल्लेखनीय है कि विगत 24 जुलाई को नागोद ग्राम में अमानक खाद जप्त कर सलामतपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। आरोपियों से पूछताछ जारी है।
इन कृषि यंत्रो को अनुदान पर लेने हेतु किसान जल्द से करें आवेदन