खाद-उर्वरकों की कालाबाजारी
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर नकली एवं निम्न गुणवत्ता वाले उर्वरकों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए इस पर तत्काल और सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं।
फसलों की बुआई के समय विभिन्न खाद-उर्वरकों की मांग बहुत अधिक बढ़ जाती है।
जिसका लाभ उठाकर कुछ दुकानदार उर्वरकों की कालाबाजारी, मुनाफाखोरी तथा नकली उर्वरकों की बिक्री का काम करने लगते हैं।
ऐसे में किसानों को उचित दामों पर गुणवत्ता पूर्ण उर्वरक मिल सके इसके लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर नकली एवं निम्न गुणवत्ता वाले उर्वरकों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए इस पर तत्काल और सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा यह पत्र देशभर में नकली उर्वरकों की बिक्री तथा सब्सिडी वाले उर्वरकों की कालाबाजारी एवं जबरन टैगिंग जैसी अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के उद्देश्य से जारी किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने पत्र में कहा है कि कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसानों की आय में स्थिरता बनाए रखने के लिए उन्हें गुणवत्तापूर्ण उर्वरक उचित समय पर, सुलभ दरों पर और मानक गुणवत्ता के साथ उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है।
कृषि मंत्री ने पत्र में दिए यह निर्देश
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्र में उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 (जो कि आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत आते हैं) का उल्लेख करते हुए कहा कि नकली अथवा निम्न गुणवत्ता वाले उर्वरक की बिक्री प्रतिबंधित है।
इसके अलावा उन्होंने राज्य सरकारों को निम्न निर्देश दिए हैं:-
- किसानों को सही स्थान और उन जगहों पर जहाँ इनकी जरुरत है, पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराना राज्यों की जिम्मेदारी है। अतः राज्य कालाबाजारी, अधिक मूल्य पर बिक्री तथा सब्सिडी वाले उर्वरकों के डायवर्जन जैसी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी एवं त्वरित कार्रवाई करें।
- उर्वरक के निर्माण एवं बिक्री की नियमित निगरानी तथा सैंपलिंग एवं परीक्षण के माध्यम से नकली एवं निम्न गुणवत्ता वाले उत्पादों पर सख्त नियंत्रण किया जाए।
- पारंपरिक उर्वरकों के साथ नैनो-उर्वरक अथवा जैव-उत्तेजक उत्पादों की जबरन टैगिंग को अविलंब रोका जाए।
- दोषियों के विरुद्ध लाइसेंस निरस्तीकरण, प्राथमिकी पंजीकरण सहित सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए एवं मामलों का प्रभावी अनुसरण कर दंड सुनिश्चित किया जाए।
- राज्यों को फीडबैक एवं सूचना तंत्र विकसित कर किसानों/किसान समूहों को निगरानी प्रक्रिया में शामिल करने, एवं किसानों को असली व नकली उत्पादों की पहचान हेतु जागरूक करने हेतु विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्यव्यापी अभियान किया जाए प्रारंभ
केंद्रीय कृषि मंत्री ने सभी राज्यों से अनुरोध किया है कि उपर्युक्त दिशा-निर्देशों के अनुरूप एक राज्यव्यापी अभियान प्रारंभ कर नकली एवं घटिया गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट्स की समस्या को जड़ से समाप्त किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि राज्य स्तर पर इस कार्य की नियमित निगरानी की जाएगी तो यह किसानों के हित में एक प्रभावी एवं स्थायी समाधान सिद्ध होगा।
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