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फसल बीमा नहीं आने पर क्या करें? किस नंबर पर करें फोन?

समय पर फसल नुकसान का मुआवजा नहीं मिलने (आने) के कारण किसानों को परेशानी होती है. साथ ही उन्हें यह भी समझ में नहीं आता है कि वे अपनी परेशानियों को लेकर कहां जाएं.

किसानों को इस तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की तरफ से एक टोल फ्री नंबर जारी किया गया है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) देश के किसानों को काफी राहत पहुंचाने का काम करती है. इस योजना के जरिए किसानों को उनके फसलों को हुए नुकसान के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है.

इससे किसान नुकसान से बच जाते हैं. योजना के तहत कई बीमा कंपनियां हैं जो राज्य सरकार के साथ मिलकर किसानों को फसलों का बीमा करती हैं.

इसके लिए प्रीमियम का एक हिस्सा किसान द्वारा भुगतान किया जाता है और बाकी का भुगतान सरकार की तरफ से किया जाता है.

पर कई बार ऐसा होता है कि फसल बीमा कराने के बाद भी किसानों को फसल नुकसान का समय पर मुआवजा नहीं मिलता है. 

 

तत्काल राहत के लिए…

समय पर फसल नुकसान का मुआवजा नहीं मिलने के कारण किसानों को परेशानी होती है. साथ ही उन्हें यह भी समझ में नहीं आता है कि वो अपनी परेशानियों को लेकर कहां जाएं.

किसानों को इस तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की तरफ से एक टोल फ्री नंबर जारी किया गया है.

इस नंबर पर फोन करके किसान आसानी से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं और अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं.

14447 नंबर पर फोन करके किसान अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इस नंबर पर फोन करके किसान को अपने दस्तावेजों और समस्याओं के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी.

शिकायत के बाद किसान को एक टिकट आईडी मिलेगी. फिर एक एसएमएस भी मिलेगा. इसी के आधार पर किसान अपनी शिकायत का फॉलोअप ले सकते हैं.

 

इन फसलों को मिलता है कवरेज

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खाद्य फसलें जैसे अनाज, बाजरा और दलहनी फसलों को कवर किया जाता है. साथ ही तिलहनी फसलों को भी योजना के तहत कवरेज मिलता है.

योजना के तहत अगर बुवाई के चरण में ही मौसम के कारण किसानों को नुकसान होता है और खेती नहीं हो पाती है तो किसानों को बीमा राशि का 25 फीसदी का भुगतान किया जाता है.

इसके बाद पॉलिसी समाप्त हो जाती है. इसके साथ ही फसल की बुवाई के बाद अगर किसान को नुकसान होता है तो भी बीमा कवरेज किसान को मिलता है.

फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल कटाई के बाद भी नुकसान का कवर मिलता है.

हालांकि इसके लिए सिर्फ सिर्फ दो सप्ताह तक का ही समय रहता है. जंगली जानवरों से भी हुए नुकसान से किसानों को बीमा कवरेज मिलता है.

 

72 घंटे के अंदर दें नुकसान की जानकारी

फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसान को 72 घंटे के अंदर नुकसान की जानकारी देनी पड़ती है. इसके लिए किसान बीमा कंपनियों के टोल फ्री नंबर पर फोन करना होगा.

किसान क्रॉप इंश्योरेंस कंपनी के ऐप के माध्यम से भी अपनी बर्बाद हुई फसल की जानकारी दे सकते  हैं. इसके अलावा किसान अपने नदजीकी कृषि कार्यालय में भी जाकर फसल नुकसान की जानकारी दे सकते हैं.

जानकारी मिलने के बाद संबंधित बीमा कंपनी अपने अधिकृत व्यक्ति को खेतों का मुआयना करने के लिए भेजती है.

इसके बाद फसल नुकसान का आकलन किया जाता है और प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसानों को मुआवजा मिलता है.

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