मौसम में बदलाव के बाद अंचल में इन दिनों गेहूं कटाई के कार्य में तेजी आ गई है।
परिवार सहित किसान फसलों की कटाई में जुटे हुए हैं। कहीं मजदूरों की सहायता से, तो कहीं हार्वेस्टर मशीन से गेहूं कटाई का कार्य किया जा रहा है। हालांकि मजदूरों की कमी के कारण किसानों को परेशान होना पड़ रहा है।
किसानों का कहना है कि शादी-ब्याह का दौर चलने के कारण मजदूर नहीं मिल रहे हैं। इस बार मौसम की अनुकूलता के चलते गेहूं की फसल कसौटी पर कितना खरा उतरेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
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किसानों का कहना है कि मौसम की दगाबाजी के चलते इस बार गेहूं उत्पादन कम ही रहेगा।
खेतों में गेहूं, चना आदि की फसलें पककर तैयार हैं और पिछले दो-तीन दिन से मौसम में परिवर्तन आ गया है। शुक्रवार रात को भी तेज हवा-आंधी चली व बादलों का आना-जाना बना रहा है।
खेत में फसल होने के कारण मावठे की बारिश का डर भी किसानों को सता रहा है। यदि इन दिनों बारिश होती है, तो किसानों की चार महीनों की मेहनत पर पानी फिर सकता है, क्योंकि फसलें अभी खेतों में ही हैं और फिलहाल कटाई का दौर चल रहा है। पिछले पांच दिन में तापमान कम-ज्यादा हो रहा है।
दिन में गर्मी व रात में ठंडक रहती है। ऐसे में किसान जल्द से जल्द अपनी फसलों को घर तक पहुंचाने में लगे हुए हैं। छोटे किसान आज भी मजदूरों की सहायता से ही गेहूं कटाई का काम कर रहे हैं।
किसानों ने बताया कि पशु पालक मजदूरी के बदले कटाई के दौरान निकलने वाले भूसे के प्रतिफल में गेहूं कटाई का काम कर रहे हैं। गर्मी तथा बारिश के समय पशुओं के लिए भूसे की आवश्यकता पड़ती है।
क्षेत्र के किसानों ने बताया कि सोसायटियों में गेहूं की खरीदी का दौर 22 मार्च से शुरू होगा। कई किसान अपने गेहूं की उपज लेकर सोसायटियों में पहुंच रहे हैं, लेकिन जब उन्हें पता चला कि खरीदी 22 मार्च से शुरू होगी।
ऐसे में कई किसानों ने अपनी उपज मंडी में ले जाकर कम भावों में व्यापारियों को बेचना शुरू कर दिया है।
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source : naidunia
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