किसान कपास की बुआई कब और कैसे करें?

हर साल कपास की फसल में गुलाबी सुंडी एवं अन्य कीट-रोगों से काफी नुकसान हो रहा है, ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग द्वारा किसानों को लगातार समय पर कपास की बुआई करने की सलाह दी जा रही है।

इस कड़ी में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा किसानों को बीटी कपास की बुआई मई महीने के मध्य तक करने की सलाह दी गई है।

साथ ही किसानों को बीटी कपास की बुआई जून महीने में बिल्कुल नहीं करने की सलाह भी दी है।

 

कपास की बुआई

वहीं किसानों को कपास की बुआई करने से पहले गहरा पलेवा लगाने की सलाह दी गई है।

किसानों को कपास की बुआई सुबह या शाम के समय करनी चाहिए।

इसके अलावा किसान अधिक उत्पादन लेने के लिए कपास की बुआई पूर्व से पश्चिम दिशा की और करें।

 

अप्रैल में करें देसी कपास की बुआई

वहीं वे किसान जो देसी कपास की किस्में लगाना चाहते हैं वे किसान इसकी बिजाई अप्रैल महीने में ही कर लें।

खेत की तैयारी सुबह या शाम को करें खरपतवार के लिये स्टोम्प 2 लीटर प्रति एकड़ का छिड़काव बिजाई के बाद एवं जमाव से पहले करें।

बीटी कपास के दो कुंडों के बीच मूंग MH 421 के दो खुड लगा सकते हैं।

वहीं जो किसान भाई टपका विधि से बीटी कपास की बिजाई करना चाहते हैं वह जब तक जमाव नहीं होता तब तक रोज 10 से 15 मिनट सुबह शाम ड्रिप अवश्य चलाएँ एवं जमाव के बाद हर चौथे दिन लगभग 30 से 35 मिनट ड्रिप चलायें।

 

कपास में कितना खाद डालें

किसान भाई मिट्टी की जाँच अवश्य करवायें, मिट्टी की जाँच के आधार पर ही पोषक तत्व की मात्रा तय की जानी चाहिए।

बीटी कपास की बिजाई के समय एक एकड़ में एक बैग यूरिया, एक बैग डी.ए.पी., 30 से 40 किलोग्राम पोटाश व 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट 21 प्रतिशत खेत की तैयारी के समय अवश्य डालें।

वही देसी कपास की बिजाई के समय एक एकड़ में 15 किलोग्राम यूरिया एवं 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट अवश्य डालें।

 

देसी कपास की उन्नत किस्में

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित देसी कपास की उन्नत किस्में एचडी 123, एचडी 432 हैं।

किसान भाई बीटी कपास का विश्वविद्यालय द्वारा सिफारिश किया हुआ बीज ही लें। इसकी जानकारी के लिए किसान अपने ज़िले के कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।

बीटी कपास का बीज प्रमाणित संस्था या अधिकृत विक्रेता से लें तथा इसका पक्का बिल अवश्य लें।

बीटी कपास के दो पैकेट प्रति एकड़ के हिसाब से ही बिजाई करें। कतार व पौधे से पौधे की दूरी 100*45 सेंटीमीटर या 67.5*60 सेंटीमीटर रखें।

 

किसान इस तरह करें कपास बीजों का उपचार

जो किसान अमेरिकन कपास ( नॉन बीटी) या देसी कपास की बिजाई करना चाहते हैं बढ़िया परिणाम के लिए बिजाई से पहले रोये वाले बीज 6 से 8 किलोग्राम का 6 से 8 घंटे तथा रोये उतारे गए बीज 5 से 6 किलोग्राम का केवल 2 घंटे तक एमिशन 5 ग्राम, स्ट्रेप्टोसाइक़्लीन-1 ग्राम, सक्सीनिक-1 ग्राम को 10 लीटर पानी में मिलाकर उपचारित करें।

इन दवाइयों से बीजों का उपचार करने से पौधे का बहुत से फफूँदों तथा जीवाणुओं से बचाव हो जाता है। यह उपचार फसल को 40 से 45 दिन तक ही बचा सकते हैं।

जिन क्षेत्रों में दीमक की समस्या है वहाँ उपयुक्त उपचार के बाद बीज को थोड़ा सुखाकर 10 मिली लीटर क्लोरपाइरीफ़ॉस 20 ईसी व 10 मिली लीटर पानी में प्रति किलो बीज की दर से मिलाकर थोड़ा-थोड़ा बीज पर छिड़कें व अच्छी तरह मिलाएँ तथा बाद में 30 से 40 मिनट बीज को छाया में सुखाकर बिजाई करें।

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