देश के 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है. एफपीओ से देशभर के किसानों को जोड़ा जा रहा है.
इन किसानों को खाद-बीज, कृषि उपकरण के अलावा सरकारी योजनाओं का लाभ डिजिटल तरीके से देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है.
किसानों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ देने के लिए देश के 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है.
एफपीओ से देशभर के किसानों को जोड़ा जा रहा है. इन किसानों को खाद-बीज, कृषि उपकरण के अलावा सरकारी योजनाओं का लाभ डिजिटल तरीके से देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है.
इससे किसानों को कम से कम 30 तरह की ऑनलाइन सेवाओं का लाभ मिल सकेगा.
सीएससी पहले से ही किसानों को टेली-कंसलटेशन, फसल बीमा, ई-पशु चिकित्सा, किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम किसान योजनाओं समेत अन्य सेवाएं दी जा रही हैं.
30 से अधिक सरकारी सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे किसान
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और सीएससी एसपीवी (CSC SPV) के बीच समझौता हुआ है, जिसके तहत रजिस्टर्ड 10,000 एफपीओ को सीएससी में बदला जाएगा.
ताकि किसानों को नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने में सहायता मिल सके.
सीएससी एसपीवी उन्हें डिजिटल सेवा पोर्टल पर उपलब्ध सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाएगा और एफपीओ को जरूरी ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन के लिए योजना शुरू की थी.
इसका उद्देश्य किसानों को उनकी सौदेबाजी की शक्ति बढ़ाने, उत्पादन की लागत में कमी लाने और अपने कृषि उत्पादों को सही कीमत पर बेचने समेत आय बढ़ाने में मदद करना है.
अब एफपीओ के माध्यम से सीएससी सेवाओं का लाभ देने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
सीएससी बनने से किसानों को मिलेंगे ये फायदे
- सीएससी एसपीवी पहले से ही किसानों को टेली-कंसलटेशन, फसल बीमा, ई-पशु चिकित्सा, किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम किसान समेत दूसरी योजनाओं से जुड़ी सेवाओं का लाभ दे रहे हैं.
- 10,000 एफपीओ सामान्य सेवा केंद्र के रूप में काम करेंगे तो इससे जुड़े किसान सीएससी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे.
- एफपीओ नागरिकों को वे सभी सेवाएं प्रदान कर सकेंगे, जो सीएससी योजना के डिजिटल सेवा पोर्टल पर उपलब्ध हैं.
- इससे सीएससी की कृषि संबंधी सेवाओं में भारी बढ़ोत्तरी होगी.
- एफपीओ को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी), ब्याज सब्सिडी योजना, फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई), उर्वरक और सीड इनपुट जैसी सेवाएं देने के लिए नोडल सेंटर बनने में भी मदद मिलेगी.
- यह पहल देश के ग्रामीण विकास और डिजिटल सशक्तिकरण के आंदोलन को एक नया आयाम देगी.