केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को दिल्ली हाट, आईएनए में आयोजित एफपीओ मेले का भ्रमण किया. उन्होंने यहां आए सभी एफपीओ के स्टाल पर जाकर बातचीत की. इस स्कीम के बारे में उनके सुझाव लिए.
सुझाव के बाद उन्होंने खुद स्वीकार किया कि कुछ एफपीओ आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, जिसे सरकार एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और दूसरे माध्यमों से दूर करेगी.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) स्कीम की सरकार जल्द ही समीक्षा करेगी, ताकि इसकी ताकत, कमियों और गैप को पहचानकर इसे और मजबूत बनाया जा सके.
इसकी शुरुआत हुए तीन साल पूरे हो चुके हैं. हमने देखा है कि कई एफपीओ अपने पैरों पर खड़े हो गए हैं और प्रभावी तरीके से काम कर रहे हैं.
उनका टर्नओवर 50 लाख से एक-दो करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है.
ऐसे में इसकी समीक्षा की जरूरत है. सरकार ने 10 हजार एफपीओ बनाने का लक्ष्य रखा था, जिसमें से अब तक 8875 बनाए जा चुके हैं.
कमियों और ताकत की होगी समीक्षा
चौहान ने यह बात सोमवार को दिल्ली हाट, आईएनए में आयोजित एफपीओ मेले में कही. उन्होंने यहां आए 55 एफपीओ के स्टाल पर जाकर हर एफपीओ संचालक से बातचीत की.
इस स्कीम के बारे में उनके सुझाव लिए. सुझाव के बाद उन्होंने खुद स्वीकार किया कि कुछ एफपीओ आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, जिसे सरकार एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और दूसरे माध्यमों से दूर करेगी.
मेले का आयोजन स्मॉल फार्मर्स एग्री-बिजनेस कंसोर्टियम (SFAC) ने किया था, जिसकी कमान केंद्रीय कृषि मंत्रालय की एडिशनल सेक्रेटरी मनिंदर कौर द्विवेदी ने संभाला.
सुझावों पर होगा अमल
कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि मेले में आए एफपीओ संचालकों की ओर से कुछ सुझाव आए हैं. जैसे कई एफपीओ को जब पूंजी की जरूरत पड़ती है तो उनको लोन देने वाली प्राइवेट संस्थाओं के पास जाना पड़ता है.
जिसकी ब्याज की दरें थोड़ी अधिक होती हैं. कुछ एफपीओ संचालकों ने बताया कि अगर उनको इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मदद मिल जाए तो अच्छा रहेगा. इस
पर मैंने सुझाया है कि आप एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से लोन लीजिए. प्रोसेसिंग के लिए भी लोन मिल सकता है.
पैकेजिंग की भी बात आई है तो इसके लिए एफपीओ को ट्रेनिंग देने का प्रयास होगा.
किसानों की आय बढ़ाने में बड़ा योगदान
चौहान ने कहा कि देश में अब एफपीओ का आंदोलन गति पकड़ रहा है. काफी किसान एकजुट होकर अच्छा काम कर रहे हैं. उनके उत्पाद शुद्ध हैं. मेहनत से बनाए हुए हैं.
अब इन्हें ऑनलाइन ऑर्डर भी मिल रहे हैं. मैं भी ऑर्डर करुंगा और आप भी ऑर्डर करिए.
एक बार आप इनके उत्पाद मंगा लेंगे तो आगे आप इन्हीं उत्पादों को मंगाएंगे. क्योंकि एफपीओ के उत्पाद शुद्ध हैं.
अगर किसानों की आय बढ़ानी है तो एफपीओ के माध्यम से उत्पाद पैदा करना, प्रोसेस करना और बेचना होगा. तीनों काम करेंगे तो आय बहुत तेजी से बढ़ेगी.
देश में लगेंगे 22 एफपीओ मेले
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि पहली बार एफपीओ का मेला लगा है, वरना बाकी मेलों में एफपीओ के लोग जाते थे और दो-चार दुकान ले लेते थे.
अब हमने पूरे देश में ऐसे 22 एफपीओ मेले लगाने का फैसला किया है, जहां एफपीओ अपने उत्पाद की मार्केटिंग और बिक्री कर सकेंगे.
सरकार इस बात पर ध्यान दे रही है कि एफपीओ से जुड़े किसानों को उनके उत्पाद बेचने के लिए अच्छा प्लेटफार्म मिले, जिससे उन्हें तो अधिक लाभ होगा ही, उपभोक्ताओं को भी गुणवत्ता वाले उत्पाद सही दाम पर मिलेंगे. एफपीओ का भविष्य बहुत उज्जवल है.