सात दिन में होगा किसानों को गेहूं, चना, मसूर और सरसों का भुगतान।
मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन संभाग में शनिवार से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद शनिवार से प्रारंभ होगी। साथ ही पूरे प्रदेश में चना, मसूर और सरसों की खरीद भी शुरू होगी।
किसानों को भुगतान के लिए ज्यादा इंतजार न करना पड़े, इसके लिए सीधे खाते में राशि जमा कराई जाएगी। इसके लिए ई-उपार्जन पोर्टल में पंजीकृत किसानों के खातों में एक-एक रुपये डलवाकर दिखवाए जा चुके हैं।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है सात दिन के भीतर भुगतान की व्यवस्था बनाई है। खाते में राशि का भुगतान सफल या विफल होने की सूचना भी एसएमएस से दी जाएगी।
‘जस्ट इन टाइम’ साफ्टवेयर में भी यह प्रदर्शित होगी। पिछले साल भी सरकार ने कोरोना संकट के बीच किसानों की स्थिति को देख गेहूं की खरीद की थी।
रिकार्ड 129 लाख टन गेहूं खरीदा गया और किसानों को खातों में उपज का भुगतान किया।
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इसमें ‘जस्ट इन साफ्टवेयर’ के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में राशि जमा करने की व्यवस्था थी, लेकिन तकनीकी समस्या के कारण भुगतान में विलंब हुआ था। इसे देखते हुए इस बार सात दिन में भुगतान की व्यवस्था रखी है।
इसमें गड़बड़ी न आए, इसके लिए बैंकों से साफ्टवेयर के माध्यम से किसानों के खातों में एक-एक रुपये जमा कराकर दिखवाए गए हैं, ताकि सही स्थिति सामने आ जाए।
इसमें ‘जस्ट इन साफ्टवेयर’ के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में राशि जमा करने की व्यवस्था थी, लेकिन तकनीकी समस्या के कारण भुगतान में विलंब हुआ था। इसे देखते हुए इस बार सात दिन में भुगतान की व्यवस्था रखी है।
इसमें गड़बड़ी न आए, इसके लिए बैंकों से साफ्टवेयर के माध्यम से किसानों के खातों में एक-एक रुपये जमा कराकर दिखवाए गए हैं, ताकि सही स्थिति सामने आ जाए।
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उपार्जन नीति के मुताबिक कृषक को भुगतान आनलाइन व्यवस्था से स्वीकृति पत्रक के आधार पर किया जाएगा। भुगतान सफल या विफल होने पर ‘जस्ट इन टाइम’ साफ्टवेयर से एसएमएस भी भेजा जाएगा।
भुगतान नहीं हो पाता है तो इसका विश्लेषण केंद्र और जिला उपार्जन समिति स्तर पर होगा।
खाता बंद होने, गलत जानकारी होने या जन-धन खाता होने से भुगतान विफल होने पर किसान से सही बैंक खाते की जानकारी लेकर शाखा प्रबंधक जिला सहकरी केंद्रीय बैंक को उपलब्ध कराएंगे और संशोधित खाते की रिपोर्ट पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी।
किसानो को भेजे गए एसएमएस
शनिवार को जिन किसानों से उपार्जन किया जाना है, उन्हें एसएमएस भेजे जा चुके हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्रों में किसानों की भीड़ नहीं लगने दी जाएगी।
किसानों को उपज लेकर आने के लिए संभावित समय भी बताया है, ताकि कोई परेशानी न हो। बिना एसएमएस के कोई किसान उपज लेकर आ जाता है तो उसे तौल पर्ची ही जारी नहीं होगी। इसके बिना खरीदी नहीं की जाएगी।
सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत उपार्जन से भुगतान तक किसी भी समस्या को लेकर किसान सीएम हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 181 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके निराकरण की जिम्मेदारी जिला आपूर्ति नियंत्रक या नोडल अधिकारी की होगी।
वहीं, उपार्जन बिना बाधा के चलता रहे, इसके लिए राज्य स्तरीय कंट्रोल रूप बनाया गया है, जिसका नंबर 0755-2551471 है, जो सुबह आठ से रात आठ बजे तक संचालित रहेगा।
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source : naidunia
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