देश में रबी फसलों की कटाई का काम पूरा हो गया है, ऐसे में अब खरीफ फसलों की बुआई तक खेत खाली रहेंगे। इस बीच किसान कई ऐसे काम (खेतों की जुताई) कर सकते हैं जिससे अगली यानि की खरीफ फसलों से अधिक उत्पादन लिया जा सके।
इसमें खेतों की मिट्टी की जाँच, मृदा सौरीकरण, गहरी जुताई आदि शामिल है।
इसमें किसान खेत की जुताई का काम तो फसलों की बुआई से पहले करते ही हैं लेकिन किसान गर्मी में यह काम करके अधिक फायदा ले सकते हैं।
खेतों की जुताई
फसलों में लगने वाले कीट-व्याधियों की रोकथाम की दृष्टि से बुआई के समय की गई जुताई ज्यादा फायदेमंद नहीं रहती जबकि गर्मी में की गई गहरी जुताई करके खेत को खाली छोड़ देने से ज्यादा लाभ मिलता है।
गर्मी में गहरी जुताई करने से भूमि का तापमान बढ़ जाता है जिससे कीटों के अंडे, शंकु और लट ख़त्म हो जाती है और इनका प्रकोप खरीफ फसलों पर नहीं पड़ता।
गर्मी में जुताई के फायदे
किसानों को फसलों की अच्छी उपज के लिए रबी की फसल कटाई के तुरंत बाद गहरी जुताई करके गर्मी में ख़ाली छोड़ देना चाहिए।
क्योंकि ऐसा करने से कीटों के अंडे, प्यूपा और लार्वा खत्म होने से खरीफ के मौसम में धान, बाजरा, दलहन और सब्जियों में लगने वाले कीट रोगों का प्रकोप कम हो जाता है।
अतः गर्मी में गहरी जुताई से कीड़े-बीमारियों से एक सीमा तक छुटकारा पाया जा सकता है।
- इसके अलावा सूर्य की तेज किरणों के भूमि के अंदर प्रवेश करने से फसलों में लगने वाले उखटा, जड़ गलन आदि रोगों के रोगाणु एवं सब्जियों की जड़ों में गाँठ बनाने वाले सूत्रकृमि भी नष्ट हो जाती है।
- खेत की मिट्टी में ढेले बन जाने से वर्षा जल सोखने की क्षमता बढ़ जाती है। जिससे खेतों में ज्यादा समय तक नमी बनी रहती है।
- गहरी जुताई से दूब, कांस, मौथा, वायुसूरी आदि जटिल खरपतावारों से भी मुक्ति पाई जा सकती है।
- गर्मी की जुताई से गोबर की खाद और खेत में उपलब्ध अन्य कार्बनिक पदार्थ भूमि में भली-भाँति मिल जाते हैं। जिससे पोषक तत्व शीघ्र ही फसलों को उपलब्ध हो जाते हैं।
- ग्रीष्मकालीन खेतों की जुताई से पानी द्वारा किए जाने वाले भूमि कटाव में काफी कमी आती है।
किसान कब एवं कैसे करें खेतों की जुताई
किसान गर्मी के सीजन में खेतों की जुताई रबी फसलों की कटाई के तुरंत बाद कर दें क्योंकि फसल कटने के बाद भी मिट्टी में थोड़ी नमी रहती है जिससे जुताई में आसानी होती है।
गर्मी की जुताई 20 से 30 सेंटीमीटर गहराई वाले किसी भी मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए।
यदि खेत का ढलान पूर्व से पश्चिम की तरफ हो तो जुताई उत्तर से दक्षिण की ओर यानी की ढलान काटते हुए करनी चाहिए।
जिससे वर्षा का पानी एवं मिट्टी ना बह पाये। ट्रैक्टर से चलने वाले तवेदार मोल्ड बोर्ड हल भी गर्मी की जुताई के लिए उपयुक्त है।
सावधानियाँ
- किसानों को ज्यादा रेतीलें इलाक़ों में गर्मी की जुताई नहीं करनी चाहिए।
- किसान जुताई करते समय इस बात का ध्यान रखें कि जुताई के समय मिट्टी के बड़े-बड़े ढेले रहे तथा मिट्टी भुरभुरी ना हो पाए, क्योंकि गर्मी में हवा द्वारा मिट्टी के कटाव की समस्या हो सकती है।
गहरी जुताई करने वाले यंत्र
- एमबी प्लाऊ,
- सब-सॉयलर,
- कल्टीवेटर,
- डिस्क प्लाऊ
- पशु चालित उन्नत बक्खर।