सोलर प्लांट से बन रही बिजली
सरकारी बिल्डिंग और बंजर जमीन पर बिजली की खेती हो रही है।
बारिश कम और कोयले के संकट के बीच यह अच्छी खबर है कि उज्जैन में सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन बड़े स्तर पर होने लगा है।
जिले के ऐसे गांव जहां की जमीन बंजर है, उसका उपयोग बिजली के उत्पादन में किया जा रहा है।
जिले में सोलर पॉवर पैक के तहत ऊर्जा विकास निगम द्वारा लगाए गए सोलर प्लांट से पांच साल में 770.50 करोड़ यूनिट का बिजली का कुल उत्पादन हुआ है।
जिला अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पताल, पीएचई व स्कूल तथा उच्च शिक्षा विभाग में 1.38 करोड़ यूनिट का उत्पादन हुआ है।
तराना तहसील के गांव कड़ोदिया व सिद्धपुर निपानिया तथा डेलची में 2020-21 में 127.75 करोड़ यूनिट बिजली बनी।
बिजली कंपनी को बेच रही
अधिकारियों ने बताया सोलर पावर पैक्स योजना के तहत प्राइवेट कंपनियों ने यहां पर सोलर प्लांट लगाए गए हैं, जो पावर परचेस एग्रीमेंट के तहत बिजली कंपनी को बेच रही है।
जिले में कैप्टिव पावर सहित 2.5 मेगावॉट बिजली एमपीयूवीएन से तथा 127.96 नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की मेगावॉट बिजली सोलर पावर पैक्स से और विंड पावर से 107.40 मेगावॉट कुल 235.86 मेगावॉट बिजली पैदा हो रही है।
577.85 करोड़ यूनिट बिजली की बचत
सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन होने से बिजली कंपनी का लोड कम होता जा रहा है और उसे अतिरिक्त बिजली भी मिल रही है।
577.85 करोड़ यूनिट की बचत हुई है। बड़नगर, घट्टिया, महिदपुर व नजरपुर आदि में बिजली का उत्पादन हो रहा है।
इसमें सितंबर 2021 तक 107.11 करोड़ यूनिट का उत्पादन हुआ है।
प्राइवेट कंपनियां बंजर जमीन का उपयोग कर वहां पर प्लॉट डालकर बिजली का उत्पादन कर रही है तथा उसे पीपीए यानी पॉवर परचेस एग्रीमेंट के तहत बिजली कंपनी को बेच रही है।
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