गुलाब की उन्नत खेती
गुलाब की खेती से किसान रोजाना कमा रहा 7-8 हजार रुपए, सालाना इनकम 15 से 20 लाख, जानिए उन्नत खेती के बारे में…
मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में रहने वाले किसान ने कृषि से हटकर गुलाब की खेती करके अच्छी कमाई की हैं।
किसान गुलाब की खेती लगभग 20 साल से कर रहा है।
जानकारी के अनुसार, किसान 8 एकड़ में पौधे लगाकर रोजाना 7 से 8 हजार रुपए के गुलाब बेचते हैं।
जाने किसान की उन्नत खेती के बारे में..
नर्मदापुरम जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर सुधीर वर्मा 8 एकड़ के खेत में देशी गुलाब उगा रहे हैं।
सुधीर ने लगभग 20 साल पहले 10-15 गुलाब के पौधों से खेती की शुरुआत कि थी।
अब यह खेती वह बड़े पैमाने पर कर रहे हैं, यही नहीं उन्होंने खेती से 10 से 11 स्थानीय लोगों को रोजगार भी दे रखा है।
सुधीर के उपजाए देशी गुलाब की डिमांड इटारसी, नर्मदापुरम के अलावा हरदा के बाजारों में रहती है।
गुलाब की खेती से आर्थिक मजबूती मिली
सुधीर 8वीं तक ही पढ़े हैं, इसके बाद खेती करने लगे। सुधीर ने कहा कि ट्रेडिशनल खेती के साथ गुलाब की खेती उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती देती है।
गुलाब के फूल की खेती में रोजाना की मेहनत जरूर है, लेकिन कमाई भी ट्रेडिशनल फार्मिंग से ज्यादा है।
सुधीर रोज रात 3 बजे उठकर घर से 15 किमी दूर खेत पहुंच जाते हैं वहां मजदूरों के साथ गुलाब तोड़कर बाजार पहुंचाते हैं।
800 घरों में पहुंचाते हैं गुलाब
सुधीर की गुलाब की खेती से 12 स्थानीय लोगों को रोजगार से जुड़ा है। इससे उनके परिवार का जीवनयापन हो रहा है।
नर्मदापुरम, इटारसी और हरदा में गुलाब के फूलों की थोक सप्लाई के अलावा 800 घरों में डोर-टू-डोर जाकर गुलाब के फूल की डिलीवरी करते हैं।
पूजा के लिए लोग इन फूलों को मंगाते हैं। सुधीर बताते हैं कि थोक में जितनी कमाई नहीं, उससे ज्यादा फुटकर में होती है।
सुधीर वर्मा गुलाब की खेती को फायदे का सौदा मानते हैं।
नौकरी से बेहतर है कृषि
किसान सुधीर कुमार वर्मा मानते है कि, सर्विस से बेहतर व्यवसाय कृषि होता है।
मेहनती व्यक्ति को खेती या बिजनेस करना चाहिए। नौकरी करने वाले व्यक्ति की आय सीमित होती है।
वहीं दूसरी ओर, बिजनेस या कृषि में आय सीमित नहीं होती।
सुधीर गुलाब की खेती से रोजाना 7 से 8 हजार रुपए कमा लेते हैं।
अगर उनकी वार्षिक आय की बात की जाए तो 12 से 15 लाख रुपए है।
खेत में लोगों को रोजगार दिया
गुलाब के फूलों की कटिंग में भी बड़ी सावधानी की जरूरत होती है। जमीन से डेढ़ फीट की हाइट तक ही कटिंग करना चाहिए।
इसे नीचे से तीन से चार पत्ती छोड़कर तना सहित काटना पड़ता है।
जितना लंबा तना होता है, उसकी कीमत उतनी ही अधिक मिलती है।
तीन से चार पत्ती छोड़ने का मतलब ये है कि वहां से गुलाब के नए तने निकलते हैं।
महीने में एक बार खरपतवार की निदाई करना चाहिए।
जब फूल को चमकीले रंग की पंखुड़ियां मिल जाती हैं, तब इनकी कटाई की जाती है।
पहले वर्ष में गुलाब के पौधे तैयार होते हैं, इसलिए पहले वर्ष में अधिक उत्पादन नहीं हो पाता।
वहीं दूसरे वर्ष में आपको इस गुलाब के फूलों से अच्छी उपज मिलने लगेगी।
गुलाब के पौधे में मार्च में 45 से 50 दिनों की छंटाई के बाद फूल आने लगते हैं।
आमतौर पर गुलाब के फूल पौधे पर 40 दिन तक रह सकते हैं।
गुलाब की खेती के लिए उपर्युक्त जलवायु
गुलाब के लिए 26-30 डिग्री तक का तापमान और जमीन में 70-85 प्रतिशत नमी की जरूरत होती है।इसे संतुलित रखना बड़ी चुनौती होती है।
सबसे बड़ी चुनौती तापमान को संतुलित करने की होती है, एक बार तोड़ने के 30 से 40 दिन बाद फिर फूल खिल जाते हैं। यह क्रम पूरे साल चलता रहता है।
गुलाब के लिए खेत तैयार कैसे करें
- गुलाब के पौधे रोपने से पहले खेत में बेड की तरह जमीन तैयार करना होता है।
- गुलाब के पौधे रोपने के लिए 90 सेमी चौड़े और एक से डेढ़ फुट ऊंचे मिट्टी के बेड के बीच की दूरी 30 से 40 सेमी रखी जाती है।
- बेड बनाते समय गोबर की खाद या ऑर्गेनिक खाद डाला जाना चाहिए।
- बेड बन जाने के बाद हाथ से एक-एक कर के पौधे रोपे दे। एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी 15 सेमी रखी जाती है।
खाद व उर्वरक
- पौधारोपण के बाद उसकी सिंचाई करने के साथ ही निम्न खाद की जरूरत होती है- 19:19, क्लोरी-50, यूरिया, कैल्शियम, 0050, 13045 खाद देना पड़ता है।
- पौधारोपण के दो माह बाद से फूल आने लगते हैं।
- गुलाब के पौधे काफी नाजुक होते हैं। इसमें फफूंद जनित रोग, सफेद मकड़ी सहित कई रोग लग जाते हैं।
- ध्यान नहीं देने पर पूरा पौधा सूख सकता है। इस परेशानी से बचने के लिए पौधों को रोज देखना चाहिए।
- किसी भी पौधे में रोग के लक्षण दिखें, तो तुरंत उपचार करना चाहिए। इसके लिए 15 दिन में एक बार कीटनाशक का छिड़काव जरूर करना चाहिए।
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