देश में किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार पूंजी उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है।
इस कड़ी में केंद्र सरकार ने 16 दिसंबर 2024 को ई-एनडब्ल्यूआर आधारित प्लेज फाइनेंसिंग (सीजीएस-एनपीएफ) के लिए क्रेडिट गारंटी योजना शुरू की है।
योजना के तहत फसल कटाई के बाद के किसानों को वित्तीय मदद देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का कोष प्रदान किया गया है।
सरकार ने शुरू की योजना
इस योजना के तहत किसान इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीदों (ई-एनडब्ल्यूआर) से समर्थित भंडारण विकास और नियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) द्वारा मान्यता प्राप्त गोदामों में संग्रहित अपनी उपज को गिरवी रखकर ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
इससे उन किसानों को लाभ होगा जो संकट के समय कम दामों पर अपनी उपज को बेच देते हैं।
योजना का उद्देश्य संकटग्रस्त बिक्री को कम करना साथ ही गोदाम पंजीकरण और कृषि भूमि के करीब विकास को प्रोत्साहित करना है।
ई-एनडब्ल्यूआर आधारित (CGS–NPF) क्रेडिट गारंटी योजना की विशेषताएँ
यह योजना मुख्य रूप से न्यूनतम गारंटी शुल्क के साथ छोटे एवं सीमांत किसानों, महिलाओं, एससी, एसटी और दिव्यांगजन (पीडब्ल्यूडी) किसानों पर केंद्रित है।
इसके अलावा, छोटे व्यापारियों (एमएसएमई), एफपीओ को भी इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जाता है।
छोटे एवं सीमांत किसानों को 75 लाख रुपये तक के ऋण में 80 से 85 प्रतिशत का कवरेज मिलेगा और 200 लाख रुपये तक के एमएसएमई/ एफपीओ/ व्यापारियों को दिए गए ऋणों में 75 प्रतिशत तक का कवरेज मिलेगा।
- कुल कोष : 1000 करोड़ रुपये।
- कवरेज: कृषि उद्देश्य के लिए 75 लाख तक का ऋण और गैर कृषि उद्देश्य के लिए 200 लाख रुपये तक का ऋण।
- पात्र संस्थान: सभी अनुसूचित बैंक और सभी सहकारी बैंक।
- पात्र उधारकर्ता: छोटे और सीमांत किसान (SMF)/ महिला/ एससी/ एसटी/ पीडब्ल्यूडी किसान, अन्य किसान, एमएसएमई, व्यापारी, एफ़पीओ और किसान सहकारी समितियाँ।
- कवर किए गए जोखिम: क्रेडिट और वेयरहाउस जोखिम।
- गारंटी शुल्क: किसानों के लिए 0.4 प्रतिशत प्रति वर्ष और ग़ैर किसानों के लिए 1 प्रतिशत प्रतिवर्ष।
- गारंटी कवरेज: तीन लाख रुपये तक के ऋण के लिये 85 प्रतिशत और छोटे एवं सीमांत किसानों/ महिलाओं/ एससी/ एसटी/पीडब्ल्यूडी के लिए 3 से 75 लाख के बीच के ऋण के लिए 80 प्रतिशत और अन्य उधारकर्ताओं के लिए 75 प्रतिशत।