अब तक 28 इंच गिर चुका पानी
शनिवार को भी प्रदेश में कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। 3 अगस्त को प्रदेश में एक बार फिर से भारी बारिश का दौर शुरू हो सकता है।
मध्यप्रदेश में लगातार हो रही तेज बारिश से पिछले तीन दिन से थोड़ी रहता मिली है। शनिवार को भी प्रदेश में कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। शुक्रवार को प्रदेश में बूंदाबांदी का ही दौर चला।
लेकिन 3 और 4 अगस्त को प्रदेश में एक बार फिर से भारी बारिश का दौर शुरू हो सकता है।
ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग के जिलों होगी बारिश
मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अभी साइक्लोनिक सर्कुलेशन और टर्फ प्रदेश के ऊपर है।
24 घंटे बाद सिस्टम का असर प्रदेश के उत्तरी हिस्से में देखने को मिल सकता है। ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग के जिलों में तेज बारिश हो सकती है।
इससे पहले शुक्रवार को भी भारी बारिश का दौर थमा रहा। ग्वालियर, गुना, श्योपुर, दमोह, मंडला और उमरिया में हल्की बारिश हुई।
जबलपुर, रीवा सागर संभाग में मानसून मेहरबान
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह प्रदेश में बाढ़ के हालात बने। खासकर पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में मानसून जमकर मेहरबान रहा। रायसेन में बेतवा ने विकराल रूप लिया।
खेत-मंदिर और पुल डूब गए। दो दिन से बारिश थमी रही, लेकिन नर्मदा नदी उफान पर है। वहीं, डैम ओवरफ्लो है। इनके गेट खोले गए।
10 जिलों में बारिश का कोटा पूरा
मध्यप्रदेश के ग्वालियर, राजगढ़, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मुरैना और श्योपुर में बारिश का कोटा पूरा हो गया है।
यहां सामान्य से 50 फीसदी तक ज्यादा पानी गिर चुका है। टीकमगढ़-निवाड़ी में सबसे ज्यादा बारिश हुई है, जबकि इंदौर में सबसे कम पानी गिरा है।
वहीं, भोपाल और जबलपुर में सीजन की आधी बारिश हुई है। प्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 28 इंच बारिश हो चुकी है।
अब तक 17.6 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 10.5 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है।
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