पहली बार किसानों को ‘एटीएम’ से खाद, कतारों से मुक्ति

रकबे के आधार पर तय होगा खाद का कोटा, कालाबाजारी पर लगेगी रोक

प्रदेश में किसानों को रखाद वितरण की अव्यवस्था व लंबी कतारों से जल्द राहत मिलने वाली है।

सरकार में को-ऑपरेटिव बैंक व सहकारी समितियों के जरिए खाद एटीएम (डेविट कार्ड) व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया है।

पहली बार हो रही इस व्यवस्था में किसानों को खाद के लिए कतार में लगने की जरूरत नहीं होगी।

वे अपने कार्ड से तय कोटे के अनुसार खाद ले सकेंगे। कार्ड में जमीन के रकबे के आधार पर खाद की मात्रा पहले से तय होगी। कालाबाजारी भी रुकेगी।

 

कटनी और जबलपुर से शुरुआत

कटनी और जबलपुर जिले में सहकारी समितियों व बैंकों की स्थिति को देखते हुए पहले कैश में खाद वितरण की सुविधा शुरू की जाएगी।

 

ऐसा होगा किसान एटीएम कार्ड। इसी से खाद वितरण

किसान क्रेडिट कार्ड | कृषि विभाग उत्तराखण्ड | भारत

 

क्रेडिट पर मिलेगी खाद

किसानों को खाद खरीदने के लिए तुरंत पैसे नहीं चुकाने होंगे। वे क्रेडिट पर खाद ले सकेंगे। फसल आने पर बिना ब्याज भुगतान कर पाएंगे।

पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी। हर लेन-देन का रेकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज रहेका किला में कलाइबाइल पर मैसेज भी मिलेगा।

अभी किसानों को खाद लेने के लिए पीओएस मशीन के सामने कतार में खड़ा होना पड़ता है।

 

पर्याप्त आपूर्ति जरूरी

कृषि विशेषता संजय दुबे की मानें तो रोजन किसानों को राहत तो देगी लेकिन बाद की पर्याप्त आपूर्ति सुनिक्षित करना भी जरूरी है।

किसानों को समय पर खाद मिले, इसलिए व्यवस्था की जा रही है। अभी को ऑगेटिव बैंकों की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। पहले देश में बाद देने का सिस्टम शुरू होगा। फिर एटीएम व्यवस्था लागू होगी।

राज यशवर्धन कुरील सहायक आयुक्त, सहकारिता

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