15 सितम्बर से 10 अक्टूबर तक चलेगा
30 अगस्त तक भूमि अनुबंध बनवा चुके सिकमी और बटाईदार किसान भी होंगे पात्र
मध्यप्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 की तैयारियां तेज हो गई हैं।
धान, ज्वार और बाजरा को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेचने के इच्छुक किसानों का पंजीयन 15 सितंबर से शुरू होगा और यह प्रक्रिया 10 अक्टूबर तक चलेगी।
बिना पंजीयन के उपज की खरीदी संभव नहीं होगी। राजस्व विभाग द्वारा किसान पंजीयन का सत्यापन 18 सितम्बर से 17 अक्टूबर 2025 तक किया जाएगा।
यह सत्यापन प्रक्रिया किसानों को पंजीयन के दौरान दी गई जानकारी की सटीकता की जांच करने के लिए की जाती है।
ऐसे सिकमी, बटाईदार और वन पट्टाधारी किसान जिन्होंने 30 अगस्त तक अपना भूमि अनुबंध बनवा लिया है और उसे सहकारी समिति या विपणन संस्था में जमा कर दिया है। बस वे ही पंजीयन प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेंगे।
जिले में पंजीयन केंद्रों की सूची जिला उपार्जन समिति तय करेगी। पिछले सीजन की तरह इस बार भी 57 केंद्र संचालित होंगे।
सरकार ने सभी किसानों से अपील की है कि वे समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा का विक्रय के लिए समय रहते अपना पंजीयन जरूर करवाएं।
निःशुल्क पंजीयन की सुविधा
पंजीयन ग्राम पंचायत, सहकारी समिति, एम-पी ऑनलाइन, लोकसेवा केंद्र (सीएससी), तहसील और जिला पंचायत कार्यालयों में कराया जा सकेगा।
प्रक्रिया निशुल्क है, हालांकि निजी साइबर कैफे न्या कुछ केंद्रों पर 50 रुपये तक का शुल्क लिया जा सकता है।
किसानों को आधार और मोबाइल नंबर बैंक खाते से लिंक कराना अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य भुगतान को सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर करना है।
पिछली बार हुई थी दिक्कत
पिछले साल कई जिलों में किसानों को पंजीयन के अंतिम दिनों में तकनीकी खामियों का सामना करना पड़ा था।
सर्वर बार-बार डाउन हो रहा था और कतारों में किसानों को घंटों इंतजार करना पड़ा।
जिला आपूर्ति अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे अंतिम तारीख का इंतजार न करें।
अक्सर आखिरी हफ्ते में अधिक भीड़ होने से पोर्टल पर दिक्कत आती है।
जल्दी पंजीयन कराने से किसानों को न केवल सुविधा होगी, बल्कि वे खरीदी के पहले चरण में ही अपनी उपज बेच पाएंगे।
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