खेती को मिली 19821 करोड़ से अधिक की सुरक्षा
फसल बीमा कराने में महाराष्ट्र और राजस्थान के बाद मप्र देश में तीसरे स्थान पर
खरीफ सीजन में मध्यप्रदेश देश में फसल बीमा कराने वाले किसानों की संख्या के लिहाज से तीसरे स्थान पर रहा है।
खरीफ सीजन 2025 के अंतर्गत प्रदेश में 25,59,889 किसानों ने अपनी फसलों को बीमा की सुरक्षा दिलाई है। इससे 4,696.33 हेक्टेयर में खड़ी फसल कवर हुई और कुल 19,821.30 करोड़ रुपये का बीमा कवर तय हुआ।
पहले स्थान पर महाराष्ट्र है, जहां 45,53,099 किसानों ने खरीफ में बीमा कराया है।
राजस्थान 33,74,289 किसानों के साथ दूसरे नंबर पर रहा। आंकड़े बताते हैं कि लगातार बदलते मौसम और प्राकृतिक आपदाओं की आशंका के बीच किसान बीमा को खेती का जरूरी सुरक्षा कवच मानने लगे हैं।
मध्यप्रदेश में बढ़ती भागीदारी भी यही संकेत दे रही है कि किसान अब जोखिम उठाने की बजाय सुरक्षा को प्राथमिकता देने लगे हैं।
बड़े रकबे छोटे भूखंडों में बदले
प्रदेश में पांच सालों में बीमा कराने वाले किसानों की भागीदारी तो बढ़ी, पर छोटे-छोटे भूखंडों के कारण एरिया कवर सबसे कम हो गया।
इसका एक अर्थ ये भी है कि अब किसानों के पास बड़ा रकबा न होकर छोटे छोटे जमीन के टुकड़े हैं, जिस पर वे खेती कर रहे हैं।
2021 में 24,66, 165 किसानों ने खरीफ फसल का बीमा कराया और 6,407.70 हेक्टेयर एरिया को सुरक्षा दी गई।
2022 में बीमित किसानों की संख्या 24,32, 167 रही और 4,808.90 हेक्टेयर कवर हुए।
2023 में 24,29,676 किसानों ने बीमा कराया और 4,797.20 हेक्टेयर फसल को सुरक्षा दी गई।
2024 में बीमित किसान 24,06,466 रहे और 4,698.27 हेक्टेयर एरिया कवर हुआ, बीमा कवर 19,296.67 करोड़ रुपये का था।
प्रदेश में किसान बढ़े, पर कवर एरिया घटा
साल | बीमित किसान | एरिया इंश्योर्ड | बिमा सुरक्षा राशि |
2025 | 25,59,889 | 4696.33 हे. | 19821.30 करोड़ |
2024 | 24,06,446 | 4698.27 हे. | 19296.67 करोड़ |
2023 | 24,29,676 | 4797.20 हे. | 19355.98 करोड़ |
2022 | 24,32,167 | 4808.90 हे. | 18995.31 करोड़ |
2021 | 24,66,165 | 6407.70 हे. | 24670.95 करोड़ |
मौसम की मार से 30% किसानों को मिलेगी राहत
अतिवृष्टि से इस बार प्रदेश में सोयाबीन की फसल नीमच, मंदसौर, रतलाम, धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, हरदा, देवास, उज्जैन, आगरमालवा, नर्मदापुरम, शाजापुर, शुजालपुर, सीहोर, विदिशा, दमोह, बुरहानपुर और अशोकनगर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
खरीफ सीजन में करीब 30 फीसदी किसानों ने फसल बीमा कराया है, जिन्हें नियमानुसार क्लेम की राशि मिलेगी।
सरकार ने अब तक 8.50 लाख किसानों को 653 करोड़ का मुआवजा दे दिया है।