राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर धान, ज्वार और बाजरा खरीद के लिए नीति घोषित कर दी है। इस वर्ष किसानों से धान की खरीद 1 दिसंबर से तो ज्वार और बाजरा की खरीद 24 नवंबर से शुरू होगी।
किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि की MSP पर की जाती है।
इस कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर औसत अच्छी गुणवत्ता की धान, ज्वार एवं बाजरा की ख़रीद की जाएगी, इसके लिए राज्य सरकार ने उपार्जन नीति की घोषणा कर दी है।
समर्थन मूल्य पर ज्वार एवं बाजरा की 24 नवम्बर से 24 दिसम्बर तक और धान की खरीदी 1 दिसम्बर 2025 से 20 जनवरी, 2026 तक की जायेगी। खरीदी सोमवार से शुक्रवार तक की जायेगी।
इस संबंध में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश के समस्त कलेक्टर्स, नागरिक आपूर्ति निगम तथा वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि उपार्जन नीति का अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराएं।
जिससे किसानों को लाभ पहुंचाने की सरकार की मंशा पूरी हो सके। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर उपार्जन कार्य से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
किसानों की सुविधा के अनुसार किया जाएगा उपार्जन केंद्र का निर्धारण
खाद्य मंत्री ने बताया कि उपार्जन केन्द्र के स्थान का निर्धारण किसानों की सुविधा अनुसार किया जाएगा। उपार्जन केन्द्र प्राथमिकता से गोदाम/केप परिसर में स्थापित किए जाएंगे।
गोदाम/केप उपलब्ध न होने पर समिति एवं अन्य स्तर पर उपार्जन केन्द्र स्थापित किए जा सकेंगे।
जिले में उपार्जन केन्द्रों की संख्या का निर्धारण किसान पंजीयन, पंजीयन में दर्ज बोया गया रकबा एवं पिछले वर्ष निर्धारित उपार्जन केन्द्रों के आधार पर राज्य उपार्जन समिति द्वारा किया जाएगा।
उपार्जन के लिए बारदाना व्यवस्था
राज्य में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिये 46 प्रतिशत पुराने और 54 प्रतिशत नवीन जूट बारदाने उपयोग किये जाएंगे।
बारदानों की व्यवस्था उपार्जन एजेंसी द्वारा की जाएगी। ज्वार एवं बाजरे का उपार्जन नवीन जूट बारदानों में किया जायेगा।
केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा धान, ज्वार एवं बाजरा के समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिये निर्धारित यूनिफार्म स्पेसिफिकेशन्स के अनुसार एवं समय-समय पर इसमें दी गई शिथिलता के अनुसार उपार्जन किया जाएगा।
किसानों को उपज बेचने के लिए करना होगा स्लॉट बुक
उपार्जन नीति के अनुसार किसानों द्वारा विक्रय के लिए लायी गई उपज का गुणवत्ता परीक्षण का दायित्व उपार्जन केन्द्र में उपार्जन करने वाली संस्था और भण्डारण स्थल पर उपार्जन एजेंसी का होगा।
कृषि उपज मण्डियों में एफएक्यू मानक की धान, ज्वार एवं बाजरा की खरीदी समर्थन मूल्य से कम पर क्रय नहीं किया जायेगा।
नॉन एफएक्यू उपज का सैम्पल कृषि उपज मण्डी द्वारा संधारित किया जायेगा।
किसान पंजीयन में दर्ज फसल के रकबे एवं राजस्व विभाग द्वारा तहसीलवार निर्धारित उत्पादकता के आधार पर कृषक द्वारा खाद्यान्न की विक्रय योग्य अधिकतम मात्रा का निर्धारण किया जायेगा।
कृषक द्वारा उपज बेचने के लिये उपार्जन केन्द्र एवं विक्रय दिनांक के चयन के लिये स्लॉट बुकिंग करानी होगी।
धान, ज्वार और बाजरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य
मध्य प्रदेश में सरकार द्वारा किसानों से धान, ज्वार और बाजरा की खरीद केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी पर की जाएगी।
- इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा धान कॉमन का MSP 2369 रुपए प्रति क्विंटल,
- धान ग्रेड-ए का MSP 2389 रुपए प्रति क्विंटल,
- ज्वार मालदण्डी का MSP 3749 हजार रुपए प्रति क्विंटल,
- ज्वार हाइब्रिड का MSP 3699 रुपए प्रति क्विंटल और
- बाजरा का MSP 2775 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
