गाँव में खोलना है मिट्टी परिक्षण लैब, सरकार देगी 1.50 लाख तक मदद

सरकार से मिलेगी 1.5 लाख की मदद

कृषि मंत्रालय की तरफ से एक नई योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत अब गांव स्तर पर सॉयल टेस्टिंग लैब खोली जा सकेंगी.

इन लैब्स को ग्रामीण युवा, सेल्‍फ हेल्‍प ग्रुप्‍स, RAWE प्रोग्राम के तहत ट्रेन्‍ड कृषिसखी, कृषि विश्वविद्यालयों के स्‍टूडेंट्स और पैक्‍स से जुड़े एंटरप्रेन्‍योर्स चला सकते हैं.

सरकार इस स्‍कीम के तहत एकमुश्त 1.5 लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराएगी.

सॉयल टेस्टिंग आज खेती-किसानी का एक अहम हिस्‍सा बन गई है. केंद्र सरकार की तरफ से भी अब इस तरफ ध्‍यान दिया जा रहा है.

केंद्र सरकार ने किसानों को सॉयल टेस्टिंग की सुविधा देने और ग्रामीण स्तर पर रोजगार बढ़ाने के मकसद से गांवों के स्‍तर पर लैब की शुरुआत की है.

सरकार ने विलेज लेवल सॉइल टेस्टिंग लैब (VLSTL) योजना शुरू की है. इसके योजना के तहत गांवों में रहने वाले युवा, सेल्‍फ हेल्‍प ग्रुप (SHG) और कृषि से जुड़े उद्यमी अपने गांव में सॉयल टेस्टिंग लैब खोल सकते हैं.

 

कृषि मंत्रालय की योजना

कृषि मंत्रालय की तरफ से एक नई योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत अब गांव स्तर पर सॉयल टेस्टिंग लैब खोली जा सकेंगी.

इन लैब्स को ग्रामीण युवा, सेल्‍फ हेल्‍प ग्रुप्‍स, RAWE प्रोग्राम के तहत ट्रेन्‍ड कृषिसखी, कृषि विश्वविद्यालयों के स्‍टूडेंट्स और पैक्‍स से जुड़े एंटरप्रेन्‍योर्स चला सकते हैं.

सरकार इस स्‍कीम के तहत एकमुश्त 1.5 लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराएगी.

 

कुल लागत है कितनी

विलेज लेवल सॉयल टेस्टिंग लैब स्थापित करने की कुल लागत 1.5 लाख रुपये तय की गई है.

इसमें 1 लाख रुपये मिट्टी की जांच के लिए जरूरी मशीनें और एक साल के सालाना मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट (एएमसी) पर खर्च होंगे.

जबकि 50,000 रुपये का प्रयोग डिस्टिल्ड वाटर, pH मीटर, कंडक्टिविटी मीटर, इलेक्ट्रॉनिक बैलेंस, ग्लासवेयर और बाकी जरूरी सामग्री खरीदने में किया जाएगा.

राज्य सरकार यह पूरी राशि लाभार्थियों को डायरेक्‍ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिये से मुहैया कराएगी.

 

क्‍या है योजना का मकसद

सरकार की इस स्‍कीम का मकसद किसानों को गांव में ही सस्ती और आसान मिट्टी की जांच की सुविधा प्रदान करना है ताकि दूर न जाना पड़े.

साथ ही इस सुविधा से किसानों को समय पर सटीक रिपोर्ट भी मिल सकेगी. वहीं जो और फायदे इस योजना से मिलेंगे उसके तहत- 

  • रिपोर्ट के आधार पर फर्टिलाइजर की सही मात्रा तय की जा सकेगी.  
  • मिट्टी की क्‍वालिटी और हेल्‍थ के लिए जागरूकता बढ़ेगी. 
  • इनपुट कॉस्ट कम करके उत्पादन में इजाफा किया जा सकेगा. 
  • गांव के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल सकेंगे.

 

किसे मिलेगा लाभ
  • लैब के लिए अप्लाई करने वाले को साइंस में 10वीं पास होनी चाहिए. 
  • साथ ही कंप्यूटर ऑपरेटिंग का नॉलेज होना चाहिए. 
  • आवेदक के पास खुद की जगह या कम से कम चार साल का रेंट एग्रीमेंट हो.

 

कैसे करें आवेदन
  • आवेदक सबसे पहले VLSTL के लिए जगह की पहचान करें.
  • इसके बाद उन्‍हें जमीन और उपकरण खरीद के डॉक्‍यूमेंट्स जमा करने होंगे. 
  • डिस्ट्रिक्ट एग्जीक्यूटिव लेवल कमेटी प्रस्ताव की जांच करेगी. 
  • स्टेट लेवल एक्जीक्यूटिव कमेटी की तरफ से एक महीने के अंदर अप्रूवल मिलेगा. 
  • राज्य सरकार एक हफ्ते में फाइनेंशियल सहायता जारी करेगी. 
  • फंड मिलने के 15 दिनों में उपकरण और सामग्रियों की खरीद रसीदें जमा करनी होंगी.

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