जानें योजना के बारे में
मध्य प्रदेश सरकार का मकसद इस योजना के जरिये किसानों की सिंचाई लागत कम करना और उन्हें सोलर एनर्जी बेस्ड आधुनिक सुविधाओं से जोड़ना है.
सरकार के अनुसार यह योजना प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) की तर्ज पर शुरू की गई है.
भारत सरकार की कुसुम-ब योजना को 24 जनवरी 2025 से राज्य में ‘प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना’ के नाम से लागू किया गया है.
मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने राज्य के किसानों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. सरकार ने पीएम कृषक मित्र सूर्य योजना में एक बड़ा बदलाव किया है.
नए बदलाव के तहत किसानों को अब स्वीकृत किए गए सोलर पंप को लगाने के लिए एक क्षमता ज्यादा तक का विकल्प दिया जाएगा.
राज्य सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा ऐलान करते हुए बताया है कि राज्य के योग्य किसानों को पीएम कृषक मित्र सूर्य योजना के अंतर्गत 90 फीसदी तक सब्सिडी मुहैया कराई जाएगी.
जानें सरकार के इस अहम ऐलान के बारे में सबकुछ…
योजना का असली मकसद
मध्य प्रदेश सरकार का मकसद इस योजना के जरिये किसानों की सिंचाई लागत कम करना और उन्हें सोलर एनर्जी बेस्ड आधुनिक सुविधाओं से जोड़ना है.
सरकार के अनुसार यह योजना प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) की तर्ज पर शुरू की गई है.
पीएम कुसुम के तहत किसानों को सौर ऊर्जा चालित पंप और उपकरण मुहैया कराए जाएंगे.
इससे न केवल बिजली बिल में कमी आएगी, बल्कि किसानों को सिंचाई के लिए लगातार और विश्वसनीय ऊर्जा मिल सकेगी.
राज्य सरकार उठाएगी बाकी खर्च
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि योग्य किसान अगर सोलर पंप लगाना चाहते हैं तो इसकी कुल लागत का सिर्फ 10 फीसदी हिस्सा ही उन्हें उठाना होना होगा.
बाकी 90 फीसदी रकम राज्य और केंद्र सरकार की साझा सब्सिडी के तौर पर दी जाएगी. सरकार का दावा है कि इससे छोटे और सीमांत किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा.
ये वो किसान हैं जो अक्सर बिजली की कमी या महंगे डीजल पर निर्भर रहते हैं. योजना के तहत 3 HP से लेकर 10 HP क्षमता तक के सोलर पंप मुहैया कराए जाएंगे.
किसानों को आवेदन करने के लिए संबंधित कृषि कार्यालय या आधिकारिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
विभाग ने यह भी साफ किया है कि आवेदकों के दस्तावेजों की जांच के बाद उन्हें समय पर सब्सिडी और उपकरण प्रदान किए जाएंगे.
बढ़ेगी किसानों की इनकम भी
राज्य सरकार का कहना है कि इस योजना से न केवल किसानों की उत्पादन लागत कम होगी, बल्कि गांवों में सोलर एनर्जी के प्रयोग को भी बढ़ावा मिलेगा.
इसके अलावा ग्राउंड वॉटर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि किसान योजनाबद्ध तरीके से सिंचाई कर पाएंगे.
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना से न सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि सोलर एनर्जी के संकट से भी निपट जा सकेगा.
उनका कहना था कि इस योजना के जरिये से लाखों किसान सोलर एनर्जी से जुड़कर काफी समय तक फायदा उठा पाएंगे.
भारत सरकार की कुसुम-ब योजना को 24 जनवरी 2025 से राज्य में ‘प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना’ के नाम से लागू किया गया है.
Gangadhar Farm Equipments – Bharat Agritech Krishi Mela में शानदार ऑफर और विशेष डिस्काउंट!

