सिंचाई, उर्वरक व खरपतवार का रखें ध्यान
सागर. प्रदेश और शहर की परिस्थितियों में अगर नवंबर में गेहूं की समय पर बुवाई हो, तो समय पर वैज्ञानिक ढंग से सिंचाई, उर्वरक व खरपतवार प्रबंधन अपनाकर किसान 20 से 25% तक अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते है।
समय पर बोए गए गेहूं में पहली सिंचाई बुवाई के लगभग 20-22 दिन बाद क्राउन अवस्था पर अवश्य करनी चाहिए।
यह अवस्था जड़ विकास और पौधों की संख्या तय करने में निर्णायक होती है।
दूसरी सिंचाई 40-45 दिन बाद टिलरिंग पर, तीसरी सिंचाई 60-65 दिन पर गांठ बनने पर, चौथी सिंचाई 80-85 दिन पर बालियां निकलते समय और पांचवीं 100-105 दिन पर दाना भराव अवस्था में करना लाभकारी होता है।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्राचार्य डॉ. केएस यादव का कहना है, यदि सिंचाई का सही क्रम, यूरिया व नैनो यूरिया का संतुलित उपयोग करके पैदावार बढ़ाई जा सकती है।
इन बातों का रखें ध्यान
- सिंचाई से पहले या नमी पर यूरिया डालें
- खेत में पानी कम हो तो यूरिया भी कम करें
- दवा का प्रयोगाला कसे अधिक न करें। दवा छिड़काव के बाद 6 से 8 घंटे सिंचाई न करें।
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