सरसों और मूंगफली किसानों को भी दिया जाएगा भावांतर योजना का लाभ

सहकारिता मंत्री ने विधानसभा में भावांतर योजना में मूंगफली और सरसों को शामिल करने, मौसम आधारित बीमा योजना शुरू करने और किसानों को उर्वरक की होम डिलीवरी करवाने की बात कही।

सोयाबीन के बाद अब सरकार किसानों को सरसों और मूंगफली का भी समर्थन मूल्य यानि की MSP उपलब्ध कराने के लिए भावांतर योजना लागू कर सकती है।

17 दिसंबर के दिन विधानसभा में हुई चर्चा के दौरान सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि राज्य सरकार भावांतर योजना में किसानों को सरसों और मूंगफली का लाभ भी देने की कार्य-योजना बना रही है।

साथ ही प्रदेश में मौसम आधारित बीमा योजना शीघ्र ही प्रारंभ की जायेगी। किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराने के लिये होम डिलेवरी सेवा भी शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।

 

फसलों का रकबा

सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने हरित क्रांति, श्वेत क्रांति और नीली क्रांति को सिंक्रोनाइज करने का काम किया है।

इससे कृषि क्षेत्र का रकबा, जो वर्ष 2002-03 में 199 लाख हेक्टेयर था, वह वर्ष 2024-25 में 297 लाख हेक्टेयर हो गया है।

उद्यानिकी फसलों का रकबा वर्ष 2002-03 में 4.67 लाख हेक्टेयर था, जो कि वर्ष 2024-25 में 26.36 लाख हेक्टेयर हो गया है।

उन्होंने कहा कि देश का एकमात्र राज्य जहां भावान्तर योजना लागू है, में प्रशासनिक व्यय कम कर 1600 करोड़ रुपये बचाए गए।

 

योजनाओं की दी जानकारी

विधानसभा में सहकारिता मंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री कृषि उन्नति योजना, रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना, ई-विकास (वितरण एवं कृषि उर्वरक आपूर्ति समाधान), परंपरागत कृषि विकास योजना (पी.के.व्ही.वाय.), नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग (NMNF) के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित एवं बढ़ावा देने हेतु योजना संचालित है। किसानों का भी जैविक खेती के प्रति रुझान बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि गेहूं क्षेत्रफल में राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय स्थान, मक्का क्षेत्रफल में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान, चना उत्पादन में द्वितीय स्थान, उड़द उत्पादन में ‌द्वितीय स्थान, मसूर क्षेत्रफल में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान पर रहा है।

सहकारिता मंत्री ने ई-मंडी प्रांगण की सम्पूर्ण प्रक्रिया का डिजिटाइज़ेशन किया गया है।

कृषि अवसंरचना निधि योजना क्रियान्वयन में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर रहा है। सभी 298 उपमंडियों में भी मंडी आरम्भ की गई हैं।

उन्होंने कहा कि नमो ड्रोन दीदी योजनांतर्गत आगामी वर्ष में 1066 किसान ड्रोन, महिला स्व-सहायता समूह को प्रदान कर उन्हें स्वावलंबन बनाया जायेगा।

नरवाई प्रबंधन अंतर्गत सीबीजी प्लांट के साथ पराली को वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोत के रूप में व्यवसायिक मॉडल विकसित किया जा रहा है। वर्ष 2026 को कृषि वर्ष मनाये जाने का निर्णय लिया गया है।

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