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किसानों को अब यह नए विकसित कृषि यंत्र भी दिए जाएंगे सब्सिडी पर

 

नए विकसित कृषि यंत्रों पर अनुदान

 

खेती-किसानी में बुआई से लेकर कटाई एवं प्रसंस्करण तक के कार्यों को आसान बनाने एवं कम समय में पूर्ण करने के लिए कृषि यंत्रों की मुख्य भूमिका है | कृषि विश्वविद्यालयों के द्वारा किसानों की आवश्यकताओं को देखते हुए नए-नए कृषि यंत्र बनायें जा रहे हैं | यह कृषि यंत्र सभी किसानों को कम दामों में उपलब्ध हो सके इसके लिए सरकार द्वारा इन कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जाती हैं | ऐसी ही कुछ नई कृषि मशीनें केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा विकसित की गई हैं |

 

इन नए कृषि यंत्रों को किसानों को अनुदान पर उपलब्ध करवाने के लिए मध्यप्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री भरत सिंह कुशवाह अनुदान पर दिए जाने वाले कृषि यंत्रों की सूचि में जोड़ने के निर्देश दिए हैं |

 

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मध्यप्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री भरत सिंह कुशवाह ने केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान नबीबाग का दौरा किया | उन्होंने यहाँ विज्ञानिकों के द्वारा विकसित नए कृषि यंत्रों का अवलोकन किया एवं उनके कार्यों को समझा | उन्होंने कहा कि लहसुन, प्याज, भिण्डी आदि उद्यानिकी फसलों की बुवाई, प्लांटेशन की केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी द्वारा निर्मित नई मशीनें किसानों को उपलब्ध करवाने में सरकार अनुदान देगी।

 

नए विकसित कृषि यंत्रो पर अनुदान देने के लिए दिए निर्देश

राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने प्याज भंडारण के लिए बहुत ही कम कीमत में नई तकनीक से विकसित तकनीक को भी समझा और इसकी सराहना की। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए बुवाई, पौध रोपाई, निराई गुडाई आदि के लिए हाल ही में विकसित मशीने और तकनीक किसानों के जीवन में चमत्कारिक बदलाव ला सकती है। जरूरत है किसानों को इन मशीन और तकनीकों को अपनाने में मदद देने की।

 

अधिकारियों को परम्परागत मशीनों के स्थान पर उन्नत नई मशीनों को अनुदान सूची में शामिल करने के निर्देश दिए। राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि किसानों को सब्जी और फलों की खेती के लिए विकसित नई मशीनों को खरीदने पर अनुदान दिया जाएगा।

 

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सब्जी, मसाले और फलों का प्रसंस्करण किसान खुद करेंगे

राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के भ्रमण के बाद राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित फल अनुसंधान केन्द्र ईंटखेड़ी का अवलोकन किया। राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने केन्द्र में मसाले और फलों की प्रसंस्करण इकाई को देखा।

 

उन्होंने कहा कि प्रसंस्करण की यह छोटी-छोटी इकाइयों का लाभ किसानों को भी मिलेगा। इन इकाइयों को किसान खुद संचालित कर सकता है। उन्होंने कहा कि अब उद्यानिकी कृषक केवल सब्जी, फलों की फसले उत्पादित ही नहीं करेगा बल्कि इनका प्रसंस्करण भी करेगा।

 

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किसान उद्यानिकी फसल को कच्चे उत्पाद को व्यापारियों को कम कीमत पर नहीं बल्कि प्रसंस्करण कर धनिया, हल्दी, मिर्ची, मसाले, टमाटर, आलू आदि का प्रसंस्करण कर तैयार सामग्री सीधे उपभोक्ताओं तक देगा। इसके लिए किसानों को छोटी फुड प्रोसेसिंग इकाई लगाने में और फुड प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण देने में उद्यानिकी विभाग द्वारा योजना बना ली गई है।

 

 

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