केंद्रीय कृषि मंत्री ने दिए यह निर्देश
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ हुई कृषि विभाग की बैठक में यूरिया की कमी, बायोस्टमिलेंट (जैव उत्तेजकों) की प्रामाणिकता, प्राकृतिक खेती मिशन, फसल बीमा, टोल फ्री नंबर आदि को लेकर चर्चा की।
14 अगस्त के दिन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ कृषि विभाग की महत्वपूर्ण बैठक की।
बैठक में खाद और यूरिया की कमी, बायोस्टुमिलेंट (जैव उत्तेजकों) प्रमाणिकता, आगामी रबी फसल के लिए “विकसित कृषि संकल्प अभियान”की तैयारियों, राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन, दलहन-तिलहन उत्पादन बढ़ाने, अगले 5 साल की कृषि कार्य योजना, बाढ़ और आपदा प्रभावित इलाकों में फसल बीमा योजना के क्लेम, किसान जन-समस्या के निवारण के लिए टोल फ्री नंबर को प्रसारित करने सहित विभिन्न विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।
बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि रबी फसल के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली में 15 और 16 सितंबर को आयोजित होगी।
वहीं अभियान की औपचारिक शुरुआत 3 अक्टूबर, 2025 विजय पर्व के साथ होगी। अभियान 3 अक्टूबर से 18 अक्टूबर धनतेरस के दिन तक चलेगा।
इस अभियान को लेकर केंद्रीय मंत्री ने सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों को गंभीरता पूर्वक तैयारी करने के लिए कहा।
केंद्रीय मंत्री ने राज्य के कृषि मंत्रियों से कहा कि वह रबी फसल के लिए विभिन्न विषयों सहित खाद की आवश्यकता का आंकलन भी इकट्ठा कर लें और आगामी कॉन्फ्रेंस में इसपर गंभीर विचार-विमर्श और मंथन के लिए तैयार रहें।
नकली खाद और उर्वरक के खिलाफ की जाए सख्त कार्यवाही
केंद्रीय कृषि मंत्री ने नकली खाद और उर्वरक की समस्या को एक बार फिर उजागर किया और राज्य सरकारों से इस संबंध में सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि करीब 30 हजार जैव उत्तेजक उत्पाद बिक रहे थे जिनमें से अत्यधिक प्रमाणित नहीं थे। अब तक मात्र 600 बायोस्टुमिलेंट प्रमाणित पाए गए हैं।
इसलिए अधिकारी अब ये सुनिश्चित करें कि यह प्रमाणित बायोस्टुमिलेंट ही किसानों तक पहुंचे।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि यदि कोई खाद के साथ कुछ और दवाई जबरन बेचता है, तो यह भी गलत है।
जिसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने राज्यों से भी इस संबंध में कठोर कदम उठाने के लिए कहा।
कृषि मंत्रियों ने की अतिरिक्त यूरिया की मांग
बैठक में कृषि मंत्रियों ने जमीनी स्तर पर आ रही समस्याओं के बारे में केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी।
राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, पंजाब के कृषि मंत्रियों की तरफ से अतिरिक्त यूरिया की मांग की गई।
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्रियों ने केंद्रीय मंत्री को यूरिया की कमी के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान की भी जानकारी दी साथ ही अतिरिक्त सहायता राशि की आवश्यकता जताई।
इन कारणों से हो सकती है यूरिया की अतिरिक्त मांग
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि यूरिया की अतिरिक्त मांग की मुख्य दो वजह हो सकती है।
पहला- अच्छी बारिश के कारण चावल और मक्के सहित बुआई में बढ़ोतरी और दूसरा कारण हो सकता है यूरिया का गैर खेती के कामों में अनुचित इस्तेमाल।
उन्होंने कहा कि यदि खेती की आवश्यकता के लिए यूरिया की मांग है तो निश्चित रूप से यूरिया उपलब्ध करवाया जाएगा, जिसके लिए तत्परता से मंत्रालय में काम चल रहा है।
लेकिन यदि यूरिया के गलत इस्तेमाल की आशंका है तो यह एक गंभीर विषय है, जिस संबंध में सख्त कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने राज्य के कृषि मंत्रियों से भी आग्रह किया कि वह यह सुनिश्चित करें कि यूरिया का सही इस्तेमाल ही हो। इस संबंध में निगरानी समितियों का गठन करते हुए तंत्र मजबूत करें।
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