2009 के बाद यह मानसून का सबसे जल्दी आगमन
भारतीय अर्थव्यवस्था एवं किसानों के लिए अच्छी सूचना है कि शनिवार को केरल में मानसून ने दस्तक दे दी। इसका आगमन आठ दिन पहले हो गया। यह देश के धन-धान्य को भरेगा।
सामान्य तौर पर केरल में मानसून के आने की तिथि एक जून मानी जाती है।
मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के अनुसार 2009 के बाद यह मानसून का सबसे जल्दी आगमन है। वर्ष 1990 में 19 मई और 2009 में 23 मई को मानसून केरल में आया था।
क्यों रहता है मानसून का इंतजार
मानसून का समय से पहले आना कृषि क्षेत्र के लिए शुभ संकेत है, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था और कृषि के लिए मानसून अत्यंत महत्वपूर्ण है।
देश के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में कृषि क्षेत्र का योगदान 18 प्रतिशत से अधिक है।
लगभग 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर करती है। मानसूनी वर्षा से खरीफ फसलों की बुआई में सहायता मिलेगी।
तमिलनाडु और कर्नाटक में एक साथ तेजी से बढ़ रहा
आइएमडी का कहना है कि अरब सागर में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण मानसून केरल के साथ तमिलनाडु एवं कर्नाटक के कई क्षेत्रों में एक साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है।
एक सप्ताह के भीतर दक्षिण के अन्य राज्यों के साथ महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर में भी इसका प्रसार हो सकता है।
मौसमी परिस्थितियां बता रही हैं कि इस बार मानसून देश के संपूर्ण भाग में समय से पहले पहुंच सकता है। वैसे आठ जुलाई तक यह देश के सभी हिस्सों को कवर कर लेता है और 15 अक्टूबर तक वापस चला जाता है।
मौसम विज्ञानियों ने उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और ओडिशा में भी समय से पहले वर्षा की संभावना जताई है।
केरल में मानसून के जल्दी आगमन से देश के शेष भागों में इसके शीघ्र प्रसार का सीधा संबंध नहीं है।
प्रदेश में जून के दूसरे सप्ताह तक संभावना
अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र और तीव्र होने के बाद अवदाब के क्षेत्र में बदल गया है। इसके अतिरिक्त तीन अन्य मौसम प्रणालियों के भी सक्रिय रहने से प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में वर्षों हो रही है।
इसी क्रम में शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मंडला में 45, धार में 13, जबलपुर में पांच, उमरिया में तीन और बैतूल में 0.8 मिलीमीटर वर्षा हुई।
सबसे अधिक 42 डिग्री सेल्सियस तापमान नौगांव में दर्ज किया गया। दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रदेश में जून के दूसरे सप्ताह में पहुंचने की संभावना है।
इंदौर में भी नौ जून तक शुरू हो सकती है वर्षा
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौरः केरल में दक्षिणी पश्चिमी मानसून ने शनिवार को दस्तक दे दी है। अब इंदौर सहित मप्र में मानसून के अपने तय समय से एक सप्ताह पहले पहुंचने की संभावना है।
भोपाल स्थित मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इंदौर में मानसून पहुंचने की तय तारीख 13 जून है, लेकिन इस वार मानसून नौ जून तक पहुंचने की संभावना है।
इंदौर में अगले सप्ताह तक बादल छाने के साथ वर्षा होने की संभावना है। वर्तमान में एक अवदाब क्षेत्र पूर्वी-मध्य अरब सागर व दक्षिण कोकण तटीय क्षेत्र में बना हुआ है। अवदाब क्षेत्र से एक द्रोणिका उत्तरी तेलंगाना तक जा रही है।
नौतपा आज से, कई शहरों में वर्षा के आसार
सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के साथ ही 25 मई से नौतपा शुरू हो रहा है।
दो जून तक रहने वाले नौतपा की वैसे तो भीषण गर्मी का समय कहा जाता है लेकिन इस बार मौसम विभाग का अनुमान है कि नौतपा में प्रदेश के कई शहरों में वर्षा होने के आसार हैं।
इस बार केरल में आठ दिन पहले मानसून के आ जाने के कारण प्रदेश में भी मानसून के जल्दी आने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में नौतपा में भी आधी और गरज-चमक के साथ वहोने का अनुमान है।
(25 मई 2025 के अनुसार)
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