मुर्गी, भेड़, बकरी और सुकर पालन के लिए मिलेगा बैंक लोन और अनुदान

पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध (मिलेगा) कराने के साथ ही किसानों की आमदनी का अच्छा जरिया है। जिसको देखते हुए सरकार द्वारा पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इसके लिए युवाओं और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना चलाई जा रही है।

योजना के तहत लाभार्थी व्यक्ति को बैंक लोन सहित फार्म स्थापित करने के लिए अनुदान भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

 

बस करना होगा यह काम

पशु पालन एवं डेयरी विभाग की योजना राष्ट्रीय पशुधन मिशन वर्ष 2021 से चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत मुख्यतः पशु नस्ल विकास तथा उद्यमिता विकास की गतिविधियों को शामिल कर बेरोजगार युवकों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण कुक्कुट पालन, भेड़ व बकरी पालन, सूकर पालन, साइलेज उत्पादन, फॉडर ब्लॉक तथा टोटल मिक्सड राशन के उत्पादन हेतु ऋण एवं अनुदान दिए जाने का प्रावधान है।

 

पशुपालन के लिए कितना अनुदान (Subsidy) मिलेगा?

एमपी के अनूपपुर ज़िले के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप संचालक डॉ.ए.पी.पटेल ने बताया है कि इच्छुक हितग्राहियों/उद्यमियों को बैंको से 50 प्रतिशत का ऋण एवं भारत सरकार द्वारा 50 प्रतिशत का अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।

अनुदान राशि हितग्राहियों/उद्यमियों को समान 2 किस्तों में प्रदान की जाती है।

पहली किस्त बैंक द्वारा ऋण उपलब्ध कराने पर तथा दूसरी किस्त परियोजना पूर्ण होने पर भारत सरकार द्वारा सीधे ऋणदाता बैंक को उपलब्ध करायी जाती है।

  • पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप संचालक ने बताया है कि 50 लाख लागत के पोल्ट्री फार्म 1000 पक्षी, हैचरी तथा मदर यूनिट की संयुक्त इकाई हेतु अधिकतम 25 लाख का अनुदान दिया जाता है।
  • 01 करोड़ लागत के 500+25 बकरी इकाई हेतु अधिकतम 50 लाख का अनुदान,
  • 80 लाख लागत के 400+20 बकरी इकाई हेतु अधिकतम 40 लाख का अनुदान,
  • 60 लाख लागत के 300+15 बकरी इकाई हेतु अधिकतम 30 लाख का अनुदान,
  • 40 लाख लागत के 200+10 बकरी इकाई हेतु अधिकतम 20 लाख का अनुदान,
  • 20 लाख लागत के 100+5 बकरी इकाई हेतु अधिकतम 10 लाख का अनुदान दिया जाता है।
  • 60 लाख लागत के 100+10 सूकर इकाई हेतु अधिकतम 30 लाख का अनुदान तथा
  • 30 लाख लागत के 50+5 सूकर इकाई हेतु अधिकतम 15 लाख का अनुदान दिया जाएगा।

 

पशुपालन लोन और अनुदान के लिए क्या करें?

पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप संचालक डॉ.ए.पी.पटेल ने जिले के बेरोजगार युवकों से अनुरोध किया है कि उपरोक्तानुसार उद्यम स्थापित करने के लिए नजदीकी पशु चिकित्सालय के अधिकारियों से संपर्क स्थापित करते हुए आवेदन जमा कर योजना का लाभ उठाएं।

योजना का लाभ लेने हेतु हितग्राही को nlm.udyamimitra.in पोर्टल पर आनलाईन आवेदन करना होता है।

योजना का लाभ व्यक्तिगत, स्वसहायता समूह, एफपीओ, एफसीओ और जेएलजी ले सकते हैं, जिसके लिए पशु चिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय से 03 दिवसीय प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है।

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