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500 से 5000 रुपये प्रति किलो तक बिकती है काली हल्दी

किसान इसकी खेती से कमाएं बंपर मुनाफा

 

काली हल्दी के बहुत सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसी वजह से मार्केट में इसकी कीमत भी ज्यादा है.

इसकी खेती के लिए खेती के लिए जून का अंतिम और जुलाई का शुरुआती हफ्तों में की जाती है.

इसके लिए भुरभुरी दोमट मिट्टी काफी उपयुक्त मानी जाती है.

 

पारंपरिक फसलों में लगातार कम होते फायदे की वजह से किसानों ने अब पारंपरिक फसलों की खेती की तरफ रुख करना शुरू किया है.

इसी कड़ी में किसानों के बीच पिछले कुछ सालों में हल्दी की खेती का चलन बढ़ा है.

हालांकि, अभी किसानों को सबसे ज्यादा पीली हल्दी की खेती करते हुए देखा जा सकता है.

यह हम आपको काली हल्दी की खेती से किसान किस तरह से बंपर मुनाफा कमा सकते हैं इस बारे में बता रहे हैं.

 

काली हल्दी के उपयोग

काली हल्दी के बहुत सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसी वजह से मार्केट में इसकी कीमत भी ज्यादा है.

इसके ्अलावा कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट बनाने में भी काली हल्दी इस्तेमाल की जाती है.

इसके अलावा डॉक्टर्स भी निमोनिया, खांसी, बुखार, अस्थमा जैसी दिक्कतों में इसके सेवन की सलाह देते हैं.

इसके अलावा कैंसर जैसी बीमारियों  में उपयोग होने वाली दवाओं को बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.

 

कब की जाती है काली हल्दी की खेती

काली हल्दी की खेती के लिए जून का अंतिम और जुलाई का शुरुआती हफ्तों में की जाती है.

इसके लिए भुरभुरी दोमट मिट्टी काफी उपयुक्त मानी जाती है. इसके अलावा ऐसे खेत का चुनाव करें जहां जलनिकासी की व्यवस्था बेहतर हो.

खेत में बारिश का पानी रुकने से फसल बर्बाद हो सकती है. एक हेक्टेयर में काली हल्दी के करीब 2 क्विंटल बीज लग जाते हैं. 

काली हल्दी को अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती है, इसलिए इसके लागत में भी ज्यादा खर्च नहीं आता है.

औषधीय गुण होने की वजह से फसल में कीट भी नहीं लगता है.

 

मिलती है इतनी कीमत

बता दें कि एक एकड़ में कच्ची हल्दी करीब 50-60 क्विंटल यानी सूखी हल्दी का करीब 12-15 क्विंटल तक का उत्पादन हो जाता है.

मार्केट में काली हल्दी 500 रुपये से 4 हजार रुपये किलो तक बिकती हुई पाई जाती है.

इसके अलावा कई ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर इस हल्दी की कीमत 5 हजार रुपये तक दिखाई देते हैं.

ऐसे में काली हल्दी की खेती कर किसान को पास बंपर मुनाफा कमाने का बेहतरीन मौका होता है.

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