निर्यात को बढ़ावा देने के लिए
केंद्र सरकार की कृषि अधोसंरचना निधि का उपयोग करने के लिए योजना को कैबिनेट में किया जाएगा प्रस्तुत।
किसानों को उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिवराज सरकार कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा दे रही है।
इसके लिए किसानों के समूह बनाकर ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट लगवाई जाएंगी।
ऋण के साथ तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी
इन समूहों को इसके लिए न सिर्फ बैंक से ऋण दिलवाया जाएगा बल्कि तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी सात साल तक उपलब्ध कराया जाएगा।
कृषि विभाग ने केंद्र सरकार की कृषि अधोसंरचना निधि के संचालन के लिए योजना तैयार की है।
इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
मध्य प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण को सरकार प्रोत्साहित कर रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सहकारिता, कृषि और उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के माध्यम से कृषि अधोसंरचना निधि के अधिक से अधिक उपयोग की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे।
सहकारिता विभाग ने प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की कुछ योजनाओं को मंजूरी भी दिलवाई है और काम भी प्रारंभ हो गया है। इसे अब और विस्तार देने की योजना तैयार की गई है।
नगरानी समितियां गठित होंगी
कृषि विभाग ने निधि के संचालन का जो प्रारूप तैयार किया है, उसमें राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट गठित की जाएगी, जो अधिक से अधिक हितग्राहियों को योजना का लाभ दिलाने का काम करेगी।
किसानों और उद्यमियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। राज्य और जिला स्तर पर नगरानी समितियां गठित होंगी।
जिला स्तरीय निगरानी समिति हितग्राहियों की पहचान करके विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कराएगी और अनुशंसा सहित राज्य स्तरीय समिति को भेजेंगी।
समिति गुण-दोष के आधार पर परीक्षण करके इसे स्वीकृति के लिए बैंकों को भेजेगी।
सरकार किसानों को लाभ दिलाना चाहती है
कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसान को उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रसंस्करण को बढ़ावा देने आवश्यक है।
अभी व्यापारी किसानों से उपज लेकर प्रसंस्करण कर उसे अधिक कीमत में बेचते हैं।
हाल ही में व्यापारियों ने किसानों से गेहूं निर्यात करने के लिए खरीदकर गे्रडिंग और पैकिंग करके लाभ अर्जित किया। यह लाभ सरकार किसानों को दिलाना चाहती है।
इसके लिए कृषि अधोसंरचना निधि के माध्यम से दो करोड़ रुपये तक का ऋण भी बैंक से मिल सकता है। सात साल तक तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी सरकार देगी।
मध्य प्रदेश ने गेहूं के निर्यात में गुजरात को पीछे छोड़ा
मध्य प्रदेश अब कृषि उत्पादों के निर्यात में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस वर्ष देश से अप्रैल 2022 में कुल 14 लाख 72 हजार 423 टन गेहूं का निर्यात हुआ।
इसमें मध्य प्रदेश ने सर्वाधिक पांच लाख 86 हजार 423 टन गेहूं निर्यात कर रिकार्ड बनाया है।
अभी व्यापारी किसानों से गेहूं खरीदता है और उसकी ग्रेडिंग और पैकेजिंग करके निर्यात करता है।
सरकार की मंशा है कि यह काम किसानों से जुड़े समूह करें तो उन्हें अधिक लाभ होगा।
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