मध्यप्रदेश में फार्मर आईडी बनाने के लिए गाँव गाँव लगाए जाएंगे शिविर

प्रत्येक आईडी बनाने पर राज्य सरकार को केंद्र से मिलेगी राशि, आयुक्त भू-अभिलेख ने जारी किए आदेश

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राज्यों में कैंप लगाकर किसान आईडी बनाने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को इनसेंटिव देगी। इसमें प्रति कैंप 15,000 रुपये तक दिए जाएंगे।

इसके अलावा हर आईडी बनाने पर केंद्र की ओर से राज्य सरकार को 10 रुपये दिए जाएंगे।

दरअसल कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने राज्यों से किसान पहचान पत्र को तेजी से बनवाने के लिए कैंप लगाने को कहा है।

किसान पहचान पत्र या किसान आईडी एक आधार से जुड़ी अनूठी डिजिटल पहचान है, जो राज्य के लैंड रिकॉर्ड से जुड़ी हुई है।

इसके अलावा इसमें डेमोग्राफी, बोई गई फसल और जमीन के मालिकाना हक जैसी जानकारी भी होती है।

किसान आईडी के माध्यम से बनाए गए डेटाबेस को किसान रजिस्ट्री के रूप में जाना जाएगा। यही वजह है कि केंद्र ने अब राज्यों से किसान आईडी देने के लिए कैंप-मोड अपनाने को कहा है।

 

दस रुपए देगी सरकार

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 27 नवंबर को इस संबंध में मध्यप्रदेश सराकर को एक पत्र भेजा था।

केंद्र के पत्र के बाद आयुक्त भू-अभिलेख ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को इस संबंध में मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान के तहत शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि राजधानी सहित प्रदेश भर में करीब 87 लाख 90 हजार किसानों की आईडी जनरेट होनी हैं, जबकि अकेले भोपाल में करीब 65 हजार किसानों की फार्मर आईडी बननी है।

आयुक्त भू-अभिलेख अनुभा श्रीवास्तव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि फार्मर आईडी क्रियेशन के लिए राज्यों को इंसेंटिवाइज करने के लिए भारत सरकार द्वारा स्पेशल सेंट्रल असिस्टेंस स्कीम घोषित की गई है।

फार्मर आईडी क्रियेशन कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करने की दृष्टि से इसे राजस्व महाअभियान 3.0 में भी शामिल किया गया है।

फार्मर आईडी जनरेट करने की कार्रवाई अभियान के रूप में पूर्ण करने के लिए कैम्प आयोजित कर शीघ्र कार्रवाई पूर्ण करने के निर्देश भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने दिए हैं।

 भारत सरकार द्वारा प्रति कैप राशि 15000 रुपए तीन किश्तों में प्रदान की जाएगी। इसकी प्रक्रिया भी केंद्र सरकार के निर्देश में विहित की गई है।

 

इन कागजों की होगी जरूरत

जरूरत इसके लिए आपको आधार कार्ड की कॉपी, जमीन की जानकारी के लिए नकल की कॉपी, फसल के नाम, किस्में, बोनी का समय, बैंक पासबुक की डिटेल देनी होगी।

हमेशा ध्यान रखें कि आधार नंबर और मोबाइल नंबर देते समय उसे चेक कर लें। आधार नंबर 12 अंकों का और मोबाइल नंबर 10 अंकों का होना चाहिए।

 

इस तरह से मुहैया कराई जाएगी राशि

प्रदेश में फार्मर आईडी बनाने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को इनसेंटिव देगी। इसमें प्रति कैंप 15,000 रुपये तक दिए जाएंगे।

इसमें गांवों में क्लस्टर से पीएम किसान डाटाबेस अनुसार कम-से-कम 50 फीसदी किसानों को रजिस्टर करना होगा।

पहली किश्त 5000 रुपए प्रथम 15 फीसदी किसान आईडी जनरेट करने पर, दूसरी किश्त 5000 रुपए आगामी 15 प्रतिशत आईडी जनरेट करने पर और तीसरी किश्त 5000 आगामी 20 फीसदी फार्मर आईडी जनरेट करने पर प्राप्त होगी।

प्रति फार्मर आईडी जनरेशन पर राशि 10 रुपए राज्य को प्राप्त होगी। यह राशि राजस्व महाअभियान 3.0 में फार्मर आईडी व खसरा आधार लिकिंग के लिए नियत कर्मचारी को दी जाएगी।

 

ऐसे बनेंगे किसान आईडी

इसके लिए किसानों को खुद का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन में गांव के पटवारी या सर्वेयर से किसान संपर्क कर सकते हैं।

राजस्व का मैदानी अमला किसानों की किसान पहचान पत्र के लिए रजिस्ट्रेशन में मदद करेंगे।

आप चाहें तो यह काम खुद भी कर सकते हैं। यह काम मोबाइल से कम्प्यूटर से भी किया जा सकता है।

 इसमें दी गई लिंक पर क्लिक करते ही आपके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा। ओटीपी दर्ज करें और कैप्चा कोड भरना होगा।

इसके बाद आपको नया यूजर अकाउंट बनाना होगा। अकाउंट बनने के बाद आपका किसान आईडी के लिए रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।

 

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